प्रिंसिपल लीडरशिप स्किल्स से विद्यालयों में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें : शासन सचिव
जयपुर, 6 नवंबर (हि.स.)। स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने प्रदेश के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल्स का आह्वान किया है कि वे अपनी लीडरशिप स्किल्स से विद्यालयों में पॉजिटिव चेंज और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की नींव रखें। उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल, शाला प्रबंधन में सकारात्मक सोच के साथ उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम सदुपयोग और समस्त गतिविधियों की व्यक्तिगत रूप से सतत मॉनिटरिंग से लीक से हटकर परिणाम दे सकते हैं।
जैन सोमवार को शिक्षा संकुल में स्कूल मैनेजमेंट पर आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यशाला में प्रधानाचार्यों के साथ गत दिनों प्रदेश में राज्य, संभाग और जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा अलग-अलग स्कूलों के निरीक्षण से सामने आए तथ्यों पर चर्चा की और विभाग में सभी स्तरों पर समन्वित प्रयासों से शाला प्रबंधन में सतत सुधार के तरीके बताते हुए सबको मोटिवेट किया। शासन सचिव ने कहा कि स्कूलों के नियमित संचालन में प्रिंसिपल सभी गतिविधियों में शिक्षक और स्टॉफ की भागीदारी पर नजर रखें, सकारात्मक सोच के साथ अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करते हुए उनके माध्यम से कार्य के प्रति सजगता और समर्पण के माहौल को आगे बढ़ाने की पहल करे। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को केवल किताबें पढ़ाना ही मकसद नहीं है, सभी विद्यार्थियों को अच्छा इंसान बनाने की दिशा में कार्य करना भी संस्था प्रधानों की जिम्मेदारी है। शिक्षा विभाग के अधिकारी और संस्था प्रधान मिलकर स्कूलों की गतिविधियों को और अधिक सुरूचिपूर्ण बनाते हुए विद्यार्थियों की लर्निंग को नए स्तर पर ले जाकर बेहतर परिणाम दे सकते हैं।
जैन ने स्कूलों में लाइब्रेरी के अलावा साइंस एवं जिओ लैब जैसी गतिविधियों के सुचारू संचालन पर फोकस करने पर बल देते हुए प्रधानाचार्यों को ‘नो बैग डे‘ के दिन ऐसे घटकों पर फोकस करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी प्रिंसिपल आगामी दिनों में इन दो बिंदुओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य करें, इसके बाद ‘नो बैग डे‘ के तहत आगामी 2 दिसंबर को ‘लाइब्रेरी डे‘ और 9 दिसम्बर को ‘लैब डे‘ मनाते हुए स्कूलों में इन गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा जाएगी। आमुखीकरण कार्यशाला में स्कूल शिक्षा निदेशक श्री कानाराम ने प्रधानाचार्यों को शाला सम्बलन एप के माध्यम से स्कूलों के निरीक्षण के दौरान प्रकाश में आई बातों के आधार पर समयबद्ध रूप से सुधारात्मक उपाय करने को कहा। वहीं राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला ने कहा कि स्कूलों की व्यवस्था और माहौल में निरंतर सुधार लाने के लिए प्रिंसिपल व्यक्तिगत रूचि के साथ अपनी भागीदारी निभाएं।कार्यशाला में स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट शासन सचिव चित्रा गुप्ता, संयुक्त शासन सचिव किशोर कुमार तथा राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त परियोजना निदेशक अनिल कुमार पालीवाल के अलावा अतिरिक्त निदेशक, उपायुक्त, उप निदेशक एवं सहायक निदेशक सहित अन्य सम्बंधित अधिकारियों ने शिरकत की। कार्यशाला के दौरान शिक्षा संकुल में जयपुर ईस्ट एवं वेस्ट तथा सांगानेर एवं झोंटवाड़ा के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के प्रधानाचायों उपस्थित रहे। प्रदेश के समस्त सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल के लिए इसका यूट्यूब के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर