जहाजपुर में 1 अक्टूबर को समग्र हिंदू समाज का महापड़ाव

 






भीलवाड़ा, 29 सितंबर (हि.स.)। शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में जलझूलनी एकादशी के दौरान पीतांबर श्याम भगवान के बेवान पर पत्थरबाजी की घटना के बाद हिंदू समाज में नाराजगी बनी हुई है। प्रशासन के साथ हुई वार्ता में मांगों के पूरा होने की सहमति के बावजूद अब तक ठोस कदम न उठाने पर हिंदू समाज ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। एक अक्टूबर को जहाजपुर के बस स्टैंड पर श्री ठाकुर पीतांबर श्याम संघर्ष समिति और सकल हिंदू समाज के बैनर तले एक महापड़ाव आयोजित किया जाएगा, जिसमें अनुमानित रूप से लगभग एक लाख लोग शामिल होंगे। इस महापड़ाव में मांगों को नहीं माने जाने की स्थिति में पूरे मेवाड़ क्षेत्र में बंद का आह्वान किया गया है।

विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर प्रशासन पर असहयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घटना के 14 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पदाधिकारियों ने कहा, अगर 1 अक्टूबर को भी हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो हमें जिले सहित मेवाड़ बंद कराने पर मजबूर होना पड़ेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख हिंदू समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिन्होंने प्रशासन पर उनकी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि महापड़ाव एक शांतिपूर्ण और संगठित प्रयास होगा, लेकिन यदि इसके बाद भी प्रशासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि जलझूलनी एकादशी के दिन जहाजपुर कस्बे में किले के मंदिर से निकलने वाले पीतांबर श्याम भगवान के बेवान पर पत्थरबाजी की घटना हुई थी। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया था और हिंदू समाज ने 3 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया। धरने के दौरान प्रशासन और हिंदू समाज के बीच वार्ता हुई, जिसमें प्रशासन ने मांगों को मानने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से हिंदू संगठनों में नाराजगी है। तीन दिनों के धरने के बाद पीतांबर राय भगवान के बेवान को कल्याण जी के मंदिर में रख दिया गया और तब से बेवान वहीं पर है। बेवान को घटना स्थल से हटाकर कल्याण जी के मंदिर में रखने का निर्णय लिया गया था और तब से लगातार वहां पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन हो रहे हैं। हिंदू समाज ने प्रशासन से स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, बेवान को मंदिर में ही रखा जाएगा और उसे वहां से वापस नहीं ले जाया जाएगा।

मांगों को पूरा करने का दबाव---------

प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंदू समाज ने प्रशासन से मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की मांगें न्यायसंगत हैं और प्रशासन को उन्हें तुरंत पूरा करना चाहिए। मांगों में मुख्य रूप से पत्थरबाजी की घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों को दंडित करना, और धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना शामिल है।

समाज के प्रतिनिधियों ने यह भी स्पष्ट किया कि महापड़ाव एक अहिंसक और मर्यादित आंदोलन होगा, लेकिन अगर इसके बाद भी प्रशासन ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो जिले सहित पूरे मेवाड़ क्षेत्र में बंद का आह्वान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ही यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।

महापड़ाव की तैयारियां तेज-----

एक अक्टूबर को होने वाले महापड़ाव की तैयारियों को लेकर भी तेजी से काम हो रहा है। कल्याण जी के मंदिर में हिंदू समाज और समाज के प्रमुख लोगों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें महापड़ाव के लिए रणनीति बनाई गई। बैठक में यह तय किया गया कि महापड़ाव के दिन हजारों की संख्या में लोग जहाजपुर बस स्टैंड पर एकत्र होंगे और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को प्रशासन के सामने रखेंगे। हिंदू समाज ने पूरे क्षेत्र में जन जागरूकता फैलाने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत पार्षदों, सरपंचों, और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आंदोलन से जोड़ा जाएगा और गांव-गांव तक आंदोलन को फैलाने का प्रयास किया जाएगा। महापड़ाव के दिन समाज के लोग बस स्टैंड पर इकट्ठा होंगे और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग करेंगे।

कल्याण जी मंदिर में पूजा-अर्चना जारी----

जब से पीतांबर राय भगवान का बेवान कल्याण जी के मंदिर में लाया गया है, तब से वहां रोजाना पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन किए जा रहे हैं। 16 सितंबर को बेवान को कल्याण जी के मंदिर में रखा गया था, और तब से हिंदू समाज के लोग वहां भजन-कीर्तन कर रहे हैं। समाज के लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक बेवान को मंदिर में ही रखा जाएगा।

संपूर्ण मेवाड़ बंद की चेतावनी----

प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठनों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि 1 अक्टूबर को भी उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो पूरा शाहपुरा और भीलवाड़ा जिला सहित पूरे मेवाड़ क्षेत्र को बंद कराकर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमारा आंदोलन अहिंसक रहेगा, लेकिन अगर प्रशासन ने हमें मजबूर किया, तो हम संपूर्ण मेवाड़ क्षेत्र को बंद कराने से पीछे नहीं हटेंगे। हिंदू समाज के नेताओं ने सरकार से अपील की है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और हिंदू समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए तुरंत कार्रवाई करे।

हिंदू समाज ने प्रशासन को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि 1 अक्टूबर को होने वाले महापड़ाव से पहले यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को 1 अक्टूबर से पहले हिंदू समाज की मांगों को मानना होगा, अन्यथा आंदोलन के अगले चरण में पूरे क्षेत्र में बंद किया जाएगा, जोकि बड़े पैमाने पर असहजता उत्पन्न कर सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद