लोकदेवता बाबा रामदेव की धार्मिक स्थली रामदेवरा में भादवा मेले की तैयारियां शुरू
जैसलमेर, 26 जुलाई (हि.स.)। लोकदेवता बाबा रामदेव की धार्मिक स्थली में आगामी भादवा मेले के दौरान बाबा रामदेव समाधी पर इस वर्ष छोटे घोड़े, ध्वजा, चादर और अगरबत्ती नही चढ़ाई जाएगी। बाबा रामदेव समाधी समिति ने मेले के दौरान इस चीजों से समाधी परिसर में फैलने वाली गंदगी को रोकने के लिए यह निर्णय लिया है। बाबा रामदेव समाधी समिति ने इस सम्बंध में हुई ज़िला कलेक्टर की बैठक में लिखित में मांग की।
बाबा रामदेव समाधी समिति ने ज़िला कलेक्टर से की मांग के अनुसार भादवा मेला-2024 में प्रसाद की दुकान पर बिकने वाले छोटे घोड़े, ध्वजाए, चादर और अगरबत्तीया को मेला अवधि के दौरान उनकी बिक्री पर रोक लगाई जाए, ताकि समाधी परिसर में गन्दगी ना फैले। रामदेवरा में बाबा की समाधी पर पूजा सामग्री में ज़्यादातर मिश्री, मक्खाने, पेड़े या मावा, लड्डू, सूखा श्रीफल, सुखा मेवा आदि चढ़ाया जाता है। मगर दुकानदारो के द्वारा अधिक प्रसाद बेचने के नाम पर श्रद्धालुओं को अपने मन गढ़त सामान भी प्रसाद के साथ दे दिया जाता है। ऐसे में श्रद्धालु के द्वारा अतिरिक्त पूजा सामग्री को क़तारो के पास ही डाल दिया जाता है। जिसके कारण बाबा रामदेव समाधी समिति को मेले के दौरान और प्रति वर्ष लाखों रूपये सफ़ाई व्यवस्था के नाम पर खर्च करने पड़ते है।
रामदेवरा में बाबा रामदेव की आस्था के केंद्र रामसरोवर तालाब में नौकायन किया जाता है। बाबा रामदेव समाधी समिति ने नौकायन से मेले के दौरान होने वाले हादसे के लिए ज़िम्मेदारी लेने से मना किया है। रामसरोवर तालाब में नौकायन करवाने के लिए निजी स्तर पर नाव चलाई जाती है उसके लिए बाबा रामदेव समाधी समिति के द्वारा कोई टेंडर या ठेका नही किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में राम सरोवर तालाब में नौकायन के लिए दर्जनों नाव शुरू की गई है।
20 अगस्त से शुरू होगा भादवा मेला
2024 लोक देवता बाबा रामदेव की धार्मिक स्थली में प्रति वर्ष भादवा मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भादवा मेला 20 अगस्त से 18 सितम्बर तक आयोजित किया जाएगा। भादवा मेले के दौरान मेले से पहले आने वाले श्रद्धालुओं की आवक को देखते हुए अब मेला अवधि एक महीना कर दी गई है और सभी प्रशासनिक व्यवस्थाए एक महीने तक लागू रहेगी। विधिवत तौर पर भादवा मेला भादवा शुक्ल पक्ष दूज 5 सितम्बर से शुरू होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्रशेखर / ईश्वर