कन्हैया के स्वागत में सजी गुलाबी नगरी, ठाकुरजी के दर्शन काे उमडे श्रद्धालु

 








जयपुर, 26 अगस्त (हि.स.)। भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि, शश राजयोग और गुरु चंद्र युति के कारण गजकेसरी योग में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। घर-घर बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को पलना में बैठाकर विशेष श्रंगार किया गया। माखन-मिश्री का भोग लगाया। छोटीकाशी के सभी छोटे-बड़े देवालयों में जन्माष्टमी की धूम रही। शाम तक राजधानी कृष्णमय हो उठी।

ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी वृंदावन जैसी नजर आ रही थी। मंदिर की तरफ आने वाले हर रास्ते में श्रद्धालुओं की भीड़ थी। मंदिर के बाहर मेले का सा माहौल रहा। बधाई संदेश, बांदरवाल, और रंग-बिरंगी रोशनी से सजे मंदिर में सुबह मंगला झांकी से मध्य रात्रि के कृष्ण जन्माभिषेक तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिर के मुख्य द्वार एवं निकास कुआं द्वार पर शहनाई की मधुर स्वर लहरियों के बीच राधे-राधे और हरे-कृष्ण, हरे कृष्ण के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी के दर्शन किए। लोग लड्डू गोपाल को साथ लेकर दर्शन करने पहुंचे। उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, मुख्य सचिव सुधांशु पंत, देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत, विधायक गोपाल शर्मा, बालमुकुंद आचार्य, पूर्व सांसद रामचन्द्र बोहरा

सहित अनेक विशिष्ट जनों ने ठाकुरजी के दर्शन किए।

मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह ठाकुर श्रीजी का मंगला झांकी पूर्व पंचामृत अभिषेक किया। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र (पीले) धारण करवाकर विशेष अलंकार धारण कराए गए। ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का श्रृंगार किया गया। गोटा लगी रेशमी पीली पोशाक में ठाकुर श्रीजी बाल गोपाल स्वरूप में नजर आए।

तीन कतारों में रही दर्शन व्यवस्था

सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों को बैरिकेटिंग से दर्शन व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई। पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था रही। इन तीनों लाइनों से आकर दर्शनार्थियों ने दर्शन किए। सुबह पास धारकों की लाइन में ज्यादा भीड़ रही। जलेबी चौक से आए श्रद्धालुओं को जय निवास बाग पूर्वी गेट से से निकास हुआ। ब्रह्मपुरी और कंवर नगर की ओर से आए श्रद्धालुओं की निकास व्यवस्था चिंताहरण हनुमान जी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से किया गया।

935 किलो पंचामृत से हुआ जन्माभिषेक

मध्य रात्रि ठीक बारह बजे मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद से निर्मित पंचामृत से ठाकुरजी का अभिषेक किया। कृष्ण जन्माभिषेक के दृश्य को दर्शनार्थियों ने अपलक निहारा। इससे पूर्व श्री शालिग्राम जी का पांच द्रव्यों के पूजन किया। गोविंद जी मिश्र ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ किया। रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी दी गई और विशेष रंगीन आतिशबाजी की गई। रात्रि 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुले। इसमें 6 पंडितों ने वेद पाठ किया। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को पंजीरी लड्डू, खिरसा एवं रबड़ी कुल्हड़ का भोग लगाया गया। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया गया।

तीन हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने संभाली व्यवस्थाएं

गोविंद देवजी मंदिर में जन्माष्टमी पर तीन हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने सुबह मंगला झांकी से अभिषेक समाप्त होने तक विभिन्न व्यवस्थाएं संभाली। राधे राधे बोलते रहित आगे बढ़ते रहिए के साथ स्वयंसेवक दर्शनार्थियों को जल्दी-जल्दी चलने का निवेदन करते दिखे। शाम से मध्य रात्रि तक भारी संख्या में श्रद्धालुओं को आने के कारण स्वयंसेवकों को काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। स्वयंसेवकों के साथ करीब 150 स्काउट पानी पिलाने जैसी व्यवस्था में सेवाएं देते रहे। दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके इसके लिए 13 एलईडी की व्यवस्था लगाई गई। कतारों में लगे श्रद्धालुओं ने एलईडी में ठाकुरजी के दर्शन किए। पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 8 से 10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए। इसमें से होते हुए दर्शनार्थियां को मंदिर में प्रवेश दिया गया। चिन्हित जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए।

मातहत मंदिरों में भी मना उत्सव

गोविंद देव जी के अधीन मंदिर श्री राधा माधवजी, नटवरजी, कुंज बिहारी की, श्री गोपाल जी नागा, श्री गोपाल जी तालाब, श्री मुरली मनोहर जी, श्री गोपाल जी रोपाड़ा में भी जन्माष्टमी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। ठाकुरजी का मनमोहक श्रृंगार किया गया। मध्य रात्रि को जन्माभिषेक किया गया।

पदावलियों से लड़ाए राधा सरस बिहारी सरकार के लाड़

सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार का पंचामृत अभिषेक कर मनोरम श्रृंगार किया गया। जन्माष्टमी के पदों से लाड़ लड़ाए। पंजीरी का भोग अर्पित किया।

मानसरोवर धोलाई स्थित इस्कॉन गिरधारी दाऊजी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। देशी-विदेशी फूलों से भगवान का श्रृंगार किया गया। मंदिर अध्यक्ष पंचरत्न दास ने बताया कि 2500 युवाओं ने सेवाएं दीं। आमजन को धार्मिक और मानव मूल्यों से जोड़ने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताएं करवाई गई। भगवान को 1008 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया गया। मंदिर के भक्त भगवान के लिए तैयार केक का भोग लगाया।

श्री खोले के हनुमान मंदिर में श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से प्रेमभाया (राधा कृष्ण) मंदिर में जन्मोत्सव मनाया गया। रात्रि 10 बजे से राधा कृष्ण भगवान के पंचामृत, गंगाजल से स्नान कराकर चंदन का लेप किया। दुग्ध से पुन: स्नान कराकर नवीनतम पोशाक धारण कराई। रात्रि 8 बजे से भक्ति संगीत एवं प्रेमभाया के पदों को गायन किया गया। रात्रि 12 बजे श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ। जन्म के साथ ही मंदिर में झालर, शंख, नगाड़ों के साथ आतिशबाजी की। श्रीकृष्ण भगवान के जन्म के बाद माखन मिश्री और छप्पन भोग लगाया। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि इस मौके पर मंदिर को मौगरे और फूलों से सजाया गया। रात्रि में आरती की गई।

बनीपार्क स्थित मंदिर श्री राधा दामोदर जी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गुलाबी निकुंज की झांकी मध्य ठाकुरजी विराजमान नजर आए। शाम को भगवान का 101 किलो पंचामृत से अभिषेक कर ठाकुरजी को गोटा किनारे की पोशाक धारण कराई गई। रात्रि 12 बजे महाआरती हुई। मंत्री नवल किशोर झालानी ने बताया कि 27 अगस्त को छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी तथा नंदोत्सव मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण-बलराम मंदिर में ‘गोविंदा आला रे’

जगतपुरा स्थित श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में जन्माष्टमी पर यशोदानंदन का भव्य अभिनंदन किया गया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अल सुबह मंगला आरती के साथ ही मंदिर में जन्माष्टमी की शुरुआत हो गई। जो मध्यरात्रि को नंदलाला के महाभिषेक और महा आरती के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में पधारे श्रद्धालु प्रेम वात्सल्य में भाव विभोर हो उठे।

मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में भगवान कृष्ण का स्वागत बहुत ही धूमधाम से किया गया। भगवान ने जन्मोत्सव पर रेशम की पोशाक धारण की। जन्मोत्सव के दौरान ठाकुरजी 108 प्रकार के राज भोग अर्पित किए गए। इसके साथ ही हर अभिषेक के बाद मिष्ठान और माखन मिश्री का भोग लगाया गया। ठाकुरजी का चन्दन के तेल से पंचामृत स्नान करवाया गया।

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर फलों, फूलों और औषधियों से उनका अभिषेक किया गया। उनके श्रंगार के लिए दक्षिण भारत और बेंगलुरु से विशेष प्रकार के चमेली, जूही, कमल, मोगरा और गेंदा के फूल मंगाए गए। मध्यरात्रि 12 बजे यशोदानंदन का अभिषेक हुआ। जिसमे पूरे जयपुर से लाखों श्रद्धालु उपस्थित हुए और भगवान का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि यह पर्व श्री कृष्ण बलराम मंदिर में मनाया जाने वाला साल का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक उत्सव है। जिसे इस वर्ष भी बड़ी ही भव्यता के साथ मनाया गया।

मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने जन्माष्टमी की तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए बताया की मंदिर में यशोदानंदन के अभिनन्दन की तैयारियां दो महीने पहले से ही शुरू हो गई थी, यह पर्व श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में मनाया जाने वाला वर्ष का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक उत्सव है । जन्माष्टमी महोत्सव

मंदिर अध्यक्ष ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दौरान मध्यरात्री को 12 बजे यशोदानंदन का अभिषेक किया गया। पूरे दिनभर में भगवान का तीन बार अभिषेक किया गया । जिसमे पूरे जयपुर से लाखों श्रद्धालु उपस्थित हुए। महा अभिषेक नारियल पानी,दिव्य जल, जड़ी बूटियां, पंचामृत और पंच्गव्यों से किया गया। जिसे 108 कलश शामिल किए गए।

लक्ष्मीनारायण मंदिर में देर रात तक हुई भजन संध्या

जेएलएन मार्ग पर स्थित बिड़ला मंदिर (लक्ष्मीनारायण मंदिर) में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हिन्दुस्तान चैरिटी ट्रस्ट के तत्वावधान में सोमवार देर तक भजन संध्या का आयोजन किया गया । जिसमें रात 9 से 12 बजे तक विशेष कार्यक्रम में प्लेबैक सिंगर व मेंटर वीणा मोदानी ने प्रस्तुति दी।

श्रीरामचंद्र मंदिर में किया भव्य जन्माष्टमी आयोजन उत्सव

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रामचंद्र मंदिर, बड़ी चौपड़, जयपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज का कथन हे ईश्वर को मानो ही नहीं जानो भी संस्थान विभीन आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम अयोजित क्रता हे इसी के साथ जन्माष्टमी के इस आयोजन में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं की झांकियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कालिया नाग मर्दन लीला , वृंदावन का सजावटी स्वरूप, और मंदिर के बाहर श्रीकृष्ण और वासुदेव जी की आकर्षक झांकी, इस आयोजन के मुख्य आकर्षण रहे। मंदिर का वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया था। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं पर आधारित सुंदर झांकियों ने पूरे आयोजन को और भी मनमोहक बना दिया। कार्यक्रम का मुख्य संदेश दर्शन इतिहास का परिवर्तन आज का रहा स कार्यक्रम की एक और महत्वपूर्ण विशेषता दिल्ली के द्वारका(डी डी ए ग्राउंड ) में हो रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का लाइव प्रसारण( डी जे जे एस वर्ल्ड) )था। बड़ी स्क्रीन पर दिखाए गए इस प्रसारण ने जयपुर के श्रद्धालुओं को दिल्ली के विशाल आयोजन का आनंद लेने का अवसर प्रदान किया। जिसमें भक्त कलाकारों द्वारा नृत्य-नाटिकाएँ और विद्वत ब्रह्मज्ञानी संतों द्वारा विश्लेषणात्मक प्रवचन शामिल था जिसने जयपुर के भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया।

आयोजन स्थल पर सुरक्षा और सुव्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया था। मंदिर के बाहर लगाए गए विशेष फाउंटेन, आकर्षक प्रकाश व्यवस्था और श्रीकृष्ण की झांकियों ने इस आयोजन को अद्वितीय बना दिया।

इस महोत्सव में जयपुर के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों से भी भक्त बड़ी संख्या में पहुंचे। सभी ने उल्लास और श्रद्धा के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया और अपनी आस्था को और प्रबल किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के इस भव्य आयोजन ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जाग्रत किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जयपुर के श्रद्धालुओं के लिए यह आयोजन एक यादगार अवसर साबित हुआ, जहां उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का आनंद लिया और अपने जीवन में नैतिकता, धर्म और भक्ति का पालन करने का संकल्प लिया।

दोपहर को हुआ कुंवर कन्हाई का जन्माभिषेक

छोटीकाशी के तीन मंदिरों में दोपहर बारह बजे भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक हुआ। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में दोपहर ठीक बारह बजे ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर पंजीरी का भोग लगाया गया। इसके बाद नंदोत्सव मनाया गया। भक्तों ने बधाइयां गाई और उछाल लूटी। नाहरगढ़ पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में दोपहर को ठाकुर जी के चरण चिह्नों का पूजन किया गया। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण यहां गोचारण करते आए थे। रामगंज बाजार के लाड़ली जी मंदिर में महंत डॉ. संजय गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर बधाई उत्सव मनाया गया। भक्तों को बधाई बांटी गई। उधर, पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी मंदिर में महंत सिद्धार्थ गोस्वामी के सान्निध्य में जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। ठाकुरजी की कलाई पर नई घड़ी बांधी गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने झांकी के दर्शन किए।

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश / संदीप