शाहपुरा में फूलडोल महोत्सव का आगाज, मुख्य आयोजन 7 मार्च से

 












भीलवाड़ा, 02 मार्च (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा कस्बे के रामनिवास धाम में रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक फूलडोल महोत्सव का गुरुवार को औपचारिक आगाज हो गया। मुख्य महोत्सव 7 मार्च से 12 मार्च रंगपंचमी तक होगा। आज पहले दिन शोभायात्रा निकलने के साथ ही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी रामदयालजी महाराज के प्रवचन हुए। इस बार मुख्य महोत्सव 6 दिन का होगा।

रामस्नेही संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक फाल्गुनी एकादशी पर आज नया बाजार स्थित राममेड़िया से वाणी जी की शोभा यात्रा (थाल) निकली। जिसमें रामस्नेही अनुरागी भजनों व राम नाम सुमिरन का जयघोष करते हुए रामनिवास धाम में सूरजपोल पहुंचे। यहां बारादरी में विराजित रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरु आचार्य श्री रामदयाल जी महाराज से सभी ने आशीर्वाद प्राप्त किया।

रामनिवास धाम में 25 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव के पहले दिन धार्मिक उत्साह व श्रद्धा के माहौल के बीच प्रथम थाल (शोभायात्रा) निकाला गया। मुख्य महोत्सव 7 मार्च से 12 मार्च रंगपंचमी तक होगा।

महोत्सव के आगाज के बाद राममेड़िया से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। शोभायात्रा सदर बाजार से होते हुए रामनिवास धाम पहुंची। वहां पर बारादरी में भक्तों की ओर से चढ़ावा पेश किया गया। मुख्य महोत्सव के दौरान देशभर से लाखों की संख्या में अनुयायी यहां पहुंचते हैं। आज सुबह संप्रदाय के संतों के पहुंचने पर भी भक्तों ने स्वागत किया।

संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरू आचार्यश्री रामदयालजी महाराज ने बताया कि 2 मार्च एकादशी को पहला थाल निकलता है। मुख्य समारोह होलिका दहन के बाद रात्रि जागरण से होगा। 7 मार्च से 12 मार्च तक प्रतिदिन नया बाजार से थाल निकलेगा व 12 मार्च रंगपचंमी को आचार्यश्री के चातुर्मास की घोषणा होगी।

महोत्सव में बाहर से बड़ी संख्या में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के आवास व भोजन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

आज बारादरी में उपस्थित लोगों को स्वामी रामदयालजी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि राम नाम सुमिरन से ही भवसागर पार हो सकेगा। आचार्यश्री ने कहा कि राम नाम सुमिरन व भक्ति व ध्यान से इस दौर में अमरत्व की प्राप्ति संभव होगी। स्वामी रामदयालजी महाराज ने कहा कि महाप्रभु रामचरणजी महाराज ने वर्षो पूर्व जो शांति का संदेश दिया था वो आज भी प्रासंगिक है। विश्व व्यापी तमाम समस्याओं का समाधान महाप्रभु के चिंतन व संदेश से ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति हम सभी को अहिंसा का जो संदेश देती है उसी पर वैश्विक स्तर पर चिंतन करना होगा।

फूलडोल का मुख्य महोत्सव इस बार 7 मार्च से 12 मार्च तक धूमधाम से मनाया जाएगा। मुख्य महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शोभायात्रा भी जोरों शोरों से निकलेगी। फाल्गुनी एकादशी पर निकली शोभायात्रा में स्थानीय रामस्नेही संप्रदाय के अनुरागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। बाद में आचार्य श्री ने संतों की पंगत का शुभारंभ किया तथा उपस्थित लोगों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान रामस्नेही संप्रदाय के भेख भंडारी शंभूराम महाराज, संत रामनारायणजी महाराज, संत जगवल्लभजी महाराज, संत नवनीधराम महाराज, संत हरिराम जी महाराज, संत अंकुशराम महाराज सहित अन्य संत मौजूद रहे।

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