संस्कार महोत्सव दीप यज्ञ में दिखा लोगों का उत्साह, 3100 दीपक प्रज्जवलित

 














शाहपुरा 11 दिसम्बर (हि.स.)। गायत्री शक्तिपीठ, शाहपुरा की ओर से आयोजित 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव में तीसरे दिन सोमवार को रात्रिकालीन सत्र में वैदिक मंत्रों के साथ 3100 दीपकों द्वारा दीपयज्ञ का आयोजन किया गया। नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाहपुरा संचालिका संगीता बहन सहित शाहपुरा के शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। एक साथ हजारों दीपक के पांडाल में अलग अलग प्रज्जवलित होने पर वहां का नयनाभिराम दृश्य को हर कोई अपने मोबाइल कैमरे में कैद को आतुर दिख रहा था।

शांतिकुंज हरिद्वार से आईं टोली के प्रमुख पूरण चंद्राकार की अगुवाई में टोली ने गायत्री मंत्रोच्चार के बीच यह उद्घोषणा की कि यह दीपयज्ञ अयोध्या में श्रीधाम में भगवान राम के पधारने के स्वागत में शाहपुरा में हो रहा है तो पांडाल में जयघोष व तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो उठा।

कार्यक्रम में देव पूजन यज्ञ और संस्कार यज्ञ के बाद देर सांय दीपयज्ञ के दौरान पवित्रीकरण, क्रिया एवं भावना, सूर्यध्यान प्राणायाम, चंदन धारण, संकल्प सूत्र, उपवास आराधना, समयदान अंश दान का महत्व बताया गया। इसके बाद दीपकों द्वारा स्वास्तिक, ओम आकार, और भारत माता की आकृति बनाई गई। दीपयज्ञ के दौरान पांडाल को भी दीपकों से सजाया गया। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।

नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी ने शाहपुरा में इस आयोजन को बेहतरीन तथा सनातन संस्कृति से आमजन को जोड़ने वाला बताते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का भी दायित्व है कि वो संस्कृति के सरंक्षण के लिए इस प्रकार के यज्ञ में आहुति दे।

मुख्य वक्ता टोली नायक शांतिकुंज प्रतिनिधि पूरण चंद्राकार ने गुरु संदेश देते हुए कहा कि परिवर्तन का चक्र बड़ी तेज गति से चल रहा है। पिछले 2000 वर्षों में मानव ने जितनी गलतियां की है उसका सुधार कर सतयुग की स्थापना का संकल्प साकार होना है। जो नहीं बदलेंगे वह अपने आप ही कुचल जाएंगे। दीपयज्ञ घर-घर में सोए हुए देवत्व को जगाने का शुभ संदेश दे रहा है। व्यक्ति स्वयं का निर्माण करें और आत्म निर्माण से राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें। उन्होंने आगे बताया कि गुरुदेव द्वारा की गई घोषणाए सशब्द सत्य होती जा रही है। 21वी सदी नारी सदी परिलक्षित हो रही है हर क्षेत्र में बहने बढ़.चढ़कर भागीदारी करते हुए आगे आ रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द/संदीप