पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का आदेश सही, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की एसएलपी

 


जयपुर, 19 दिसंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की ग्राम पंचायत व निकायों के चुनाव 15 अप्रैल 2026 तक कराए जाने के संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से दिए फैसले को बरकरार रखा है। वहीं परिसीमन की कार्रवाई व प्रशासकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एसएलपी को खारिज कर दिया है। जस्टिस जॉयमाला बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की खंडपीठ ने यह आदेश संयम लोढ़ा की एसएलपी पर दिए।

एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के 14 नवंबर 2025 के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें परिसीमन की प्रक्रिया को 31 दिसंबर तक पूरा करने और ग्राम पंचायत व निकायों के चुनाव एक साथ 15 अप्रैल 2026 तक कराए जाने का निर्देश दिया था। याचिका में राज्य की ग्राम पंचायत एवं नगरपालिका वार्ड में चल रहे परिसीमन, निर्वाचित निकायों के पांच साल की अवधि पूरी होने पर उनमें चुनाव नहीं कराए जाने और प्रशासकों की नियुक्ति पर सवाल उठाया था। इसमें कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243-ई एवं 243-यू के तहत स्थानीय निकायों का कार्यकाल खत्म होते ही तत्काल चुनाव कराए जाना जरूरी है। इसके अलावा परिसीमन को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को टालने का आधार नहीं बनाया जा सकता। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से एएसजी केएम नटराज व एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सही है और उन्होंने तय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव करवाए जाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का कोई भी आदेश पूरे प्रदेश की परिसीमन व चुनाव प्रक्रिया में रुकावट पैदा करेगा। वहीं इससे मतदाता सूचियों व आरक्षण रोस्टर का कार्य भी प्रभावित होगा। इसलिए हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एसएलपी को खारिज कर दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक