कृषकों की आय को दोगुना करना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य : डॉ किरोडी लाल मीणा
जयपुर, 9 जनवरी (हि.स.)। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को पंत कृृषि भवन में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, बीज प्रमाणीकरण संस्था और राजस्थान राज्य बीज निगम की बैठक ली।
बैठक में डॉ मीणा ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से विभाग द्वारा की जा रही केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाएं प्रधानमंत्री कृृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृृषि विस्तार व तकनीकी मिशन, राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय परम्परागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और पीएम-कुसुम योजना कम्पोनेन्ट ‘बी‘ के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से फार्म पौण्ड़, सिंचाई पाईप लाईन, डिग्गी, बीज उत्पाादन एवं मिनिकिट वितरण, मिलेट्स प्रोत्साहन और तारबंदी सम्बन्धी प्रमुख गतिविधियों की भी जानकारी ली।
कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने पहली बैठक में ही जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग में नवीन जिलों के गठबंधन उपरांत अभियांत्रिकी संवर्ग के पदों के पुनर्गठन का अनुमोदन किया। अनुमोदन पश्चात अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अतिरिक्त निदेशक के 20, अधीक्षण अभियंता व संयुक्त निदेशक के 57, अधिशाषी अभियंता व उप निदेशक के 190 और सहायक अभियंता के 581 पद होंगे। कृषि मंत्री ने बताया कि संकल्प पत्र में तैयार 100 दिवसीय कार्य योजनाओं में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत एक हजार करोड़ रुपये फसल के नुकसान का आंकलन एवं राहत राशि का वितरण किया जाएगा, 500 कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना, पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत प्रदेश में मौजूद ट्यूबवैलों का सौर ऊर्जा द्वारा संचालन सुनिश्चित करने के लिए पांच हजार सोलर पम्प स्थापित किए जाएंगे, 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप एवं मिनी स्प्रिकंलर व 54 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्प्रिकंलर लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के कार्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति के लिए सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कार्यो को पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से सम्पन्न करें। डॉ मीणा ने निर्देशित किया कि कृृषकों की आय को दोगुनी करने के लिए कृृषि के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाया जाएगा जिससे उनकी पैदावार में बढ़ोतरी होगी और फसलों का उचित मूल्य दिलवाया जाएगा, जिससे कृृषकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परम्परागत खेती के स्थान पर जैविक खेती पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए विशेष कैम्प लगाकर कृषकों को जागरुक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स उत्पादों की मैन्यूफेक्चरिंग व मार्केटिंग पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को सुनने व समझने के लिए जल्द ही किसान यूनियनों की मीटिंग बुलाई जाएगी। बैठक में कृृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव डॉ पृथ्वी, कृृषि विभाग के आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी, उद्यानिकी विभाग के आयुक्त लक्ष्मण सिंह कुड़ी, संयुक्त शासन सचिव कैलाश नारायण मीणा एवं राजस्थान राज्य बीज निगम के एमडी जसवंत सिंह सहित विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप