प्रकृति स्वयं सबसे बड़ी चिकित्सक: कुलपति
जोधपुर, 12 अप्रैल (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालयके कुलपति प्रोफ़ेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति के मुख्य आतिथ्य में स्वर्गीय चंचलमल चौरडिया की स्मृति में श्री कन्हैयालाल गौशाला पालरोड में आयोजित त्रिदिवसीय प्राकृतिक आरोग्य शिविर का समापन शुक्रवार को हुआ। इस चिकित्सा शिविर में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संबंधी जानकारी एवं प्राकृतिक चिकित्सा की विभिन्न थेरेपी एवं योगाभ्यास के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेजऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस के चिकित्सक दल ने सेवाएं दी। त्रिदिवसीय प्राकृतिक आरोग्य शिविर में आने वाले रोगियों को प्राकृतिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई।
समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर प्रजापति ने कहा कि कन्हैयालाल गौशाला की ओर से आयोजित इस प्राकृतिक चिकित्सा शिविर मे जोधपुर वासियों ने प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को समझा एवं चिकित्सा लाभ लिया। प्राकृतिक चिकित्सा प्रकृति पर आधारित चिकित्सा है, जिसका लक्ष्य प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्वो के उचित प्रयोग द्वारा रोग का मूल कारण समाप्त करना है।
चिकित्सा शिविर के समापन समारोह के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर प्रजापति द्वारा पक्षी चिकित्सालय, गौ चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे राजकुमार सिंह भंडारी ने कहा कि गौशाला की ओर से इस प्रकार के आयोजन नियमित अंतराल पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सहयोग से जोधपुरवासियों के लिए आगामी दिवसों में किए जाएंगे। उन्होंने सहयोग के लिए कुलपति प्रो प्रजापति का आभार जताया। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंस के प्राचार्य वैद्य चंद्रभान शर्मा ने बताया कि आओ चलें प्रकृति की ओर विषयक इस आरोग्य प्राकृतिक शिविर में महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राकेश गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर सतीश ठाकुर एवं नर्सिंग कर्मी अवकाश चौधरी तथा अन्य संस्थानों के थेरेपिस्ट हनी सिंह, राकेश भाटी, स्वयंसेवक पायल चोपड़ा एवं विवेक ने भी सेवाएं दी।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर