मुस्लिम समुदाय ने रखा आखिरी रोजा, ईद गुरुवार को होगी

 


अजमेर, 10 अप्रेल (हि.स)। मुबारक महीने रमजान में मुस्लिम समुदाय ने 30वां आखिरी रोजा बुधवार को रखा। ईद उल फितर 11 अप्रैल को मनाई जाएगी। मुस्लिम घरों में ईद की तैयारी कर ली गई। मस्जिदों में रोशनी की जा रही है। ईद की खरीदारी के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है। ईद के मौके पर गुरुवार को तड़के साढ़े चार बजे से जन्नती दरवाजा जियारत के लिए खोला जाएगा। ख्वाजा साहब के मजार शरीफ की दोपहर की खिदमत से पहले तक इस दरवाजे से जियारत के आस्ताना शरीफ में जा सकेंगे। दोपहर में खिदमत के वक्त ही यह दरवाजा बंद कर दिया जाएगा।

अजमेर खवाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के आस पास नए साल जैसा माहौल है। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ रहे हैं। घरों में रोशनी और बाजार में रौनक बनी हुई है।

अजमेर शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने जानकारी दी कि रमजान के मुबारक महीने की 29 तारीख को मगरिब की नमाज के बाद दरगाह में हिलाल कमेटी की बैठक हुई थी। कमेटी ने चांद देखने के लिए मोहम्मद सिराजुद्दन और मौलाना जाकिर हुसैन के दल को तारागढ़ पर भेजा था। इस दल में तारागढ़ दरगाह इंतजामिया कमेटी के दारोगा लायक हुसैन भी थे। हिलाल कमेटी ने सूचना दी कि चांद दिखाई नहीं दिया। आसमान में बादल थे। चांद नजर नहीं आया, जिसके चलते ईद-उल-फितर का त्योहार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा। बुधवार को चांद रात मानी गई। लिहाजा बुधवार को 30वां और आखिरी रोजा रखा। हिलाल कमेटी के अनुसार देश के किसी हिस्से से ईद-उल-फितर का चांद दिखाई नहीं देने पर ईद 11 अप्रैल को मनाई जाएगी।

ईद को लेकर अजमेर जिला प्रशासन ने भी खास इंतजाम किए है। सुरक्षा के बड़े बंदोबस्त किए गए हैं। ईदगाहर केसरगंज में साफ-सफाई और रंगरोगन कर नमाजियों के लिए तैयार किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप