निजी क्षेत्र में शिक्षा में अनियमितता पर सख्त कार्रवाई का संदेश, सुधरो नहीं तो बंद कर दिया जाएगा

 
निजी क्षेत्र में शिक्षा में अनियमितता पर सख्त कार्रवाई का संदेश, सुधरो नहीं तो बंद कर दिया जाएगा


निजी क्षेत्र में शिक्षा में अनियमितता पर सख्त कार्रवाई का संदेश, सुधरो नहीं तो बंद कर दिया जाएगा


-राज्यपाल ने ली उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की विशेष समीक्षा बैठक

जयपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने विश्वविद्यालयों और

महाविद्यालयों की नेक रैंकिंग के लिए 15 दिन में टीम बनाने, प्रति वर्ष आठ

विश्वविद्यालयों की नेक रैंकिंग करवाने और पांच वर्ष में सभी

विश्वविद्यालयों की नेक रैंकिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में रिक्त पदों की

जानकारी लेते हुए वहां रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई करने के

भी निर्देश दिए। उन्होंने विद्यार्थियों में बौद्धिक क्षमता बढ़ाने और

कॉपी मुक्त शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया। राज्यपाल

बागडे सोमवार को राजभवन में उच्च, तकनीकी और संस्कृत शिक्षा विभाग

की समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री और उच्च

एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. प्रेमचंद बैरवा भी उपस्थित रहे।

उन्होंने तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत राज्य के उद्योगों की मांग के अनुसार

पाठ्यक्रम निर्मित कर युवाओं को दक्ष करने पर जोर दिया। उन्होंने

तकनीकी शिक्षण संस्थानों की साख बढ़ाकर नामांकन वृद्धि के प्रयास करने

के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह परिणाम चाहते हैं, इसके लिए सभी

प्रयास करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शिक्षा में अनियमितता नहीं होनी

चाहिए। निजी क्षेत्र में भी फर्जीवाड़ा नहीं होना चाहिए। यह संदेश जाए कि

सुधरो नहीं तो संस्थान बंद करवा दिया जाएगा। उन्होंने राज्य के

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नेक रैंकिंग के आवेदन के लिए वहां का

सर्वे करवाकर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में

अभियान चलाकर प्रति वर्ष न्यूनतम 8 से 10 विश्वविद्यालयों की नेक रैंकिंग

के लक्ष्य निर्धारित कर कार्यवाही करने का भी आह्वान किया।

राज्यपाल ने

कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का

बौद्धिक स्तर बढ़ाने के लिए प्रयास हो। उन्होंने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता

वृद्धि के लिए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कौशल

शिक्षण के लिए विशेष प्रयास करने, महाविद्यालयों की संख्या वृद्धि के

स्थान पर मौजूदा उच्च शिक्षण संस्थानों में गुवतापूर्ण शिक्षा पर अधिक

ध्यान देने की आवश्यकता जताई। बागडे ने कहा कि नई शिक्षा नीति

नौकरी के योग्य बनाने के स्थान पर नौकरी देने वाले युवा बनाने पर जोर हैं।

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त युवा पेशेवर दक्ष होने चाहिए। इसी से

राष्ट्र की आय और संपति बढ़ेगी। उन्होंने उच्च माध्यमिक स्तर से एनसीसी के

लिए बच्चों को प्रेरित करने और उच्च शिक्षा में इसके तहत विद्यार्थियों को

अधिकाधिक जोड़े जाने पर जोर दिया ताकि सेना और अन्य रक्षा सेवाओं में युवा

शक्ति का अधिकाधिक उपयोग हो सके।

बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा

विभाग के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के राज्य

परिदृश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त

पुखराज सेन और संस्कृत शिक्षा विभाग की सचिव डा. पूनम ने विभागीय

प्रस्तुति दी। राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने उच्च, तकनीकी और संस्कृत

शिक्षा से जुड़े महती विषयों के बारे में अवगत कराया। बैठक में बड़ी

संख्या में विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप