ओरण को डीम्ड फॉरेस्ट बनाने के विरोध में ज्ञापन
बीकानेर, 26 फ़रवरी (हि.स.)। गौचर औरण संरक्षक संघ राजस्थान के बैनर तले राज्यव्यापी आह्वान पर सोमवार को बीकानेर में औरण और पारिस्थितिक तन्त्र की भूमि को डीम्ड फारेस्ट घोषित किए जाने का विरोध आपत्ति दर्ज कराने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री, प्रधान मुख्य वन संरक्षक को कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
इस अवसर पर देशनोक मंदिर ओरण के संरक्षक वासुदेव देपावत ने कहा कि औरण एवं अन्य पारिस्थिक तंत्र की भूमि से आमजन की भावनायें जुडी हुई हैं। साधारणतया औरण भूमि देवभूमि है, जो हमारे पुरखों ने राजस्थान की मरूभूमि के रेगिस्तानी स्वभाव को देखते हुए देवताओं के नाम पर छोडी थी। इन औरण भूमि में हरे वृक्षो की कटाई पर प्रतिबंध था तथा इस भूमि में केवल गांव के पशु अपनी चराई करते थे। देशनोक माता मंदिर की भूमि देशनोक करणी मंदिर ट्रस्ट के नाम से है, उसे राज्य सरकार वन विभाग को नहीं दे सकती यह एक निजी भूमि है।
इस अवसर पर संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष निर्मल कुमार बरडीया ने कहा कि औरण पुरखों द्वारा देवताओं के नाम पर छोडी गई चारागाह भूमि है। पश्चिमी राजस्थान के ग्राम्य क्षेत्रों में अधिकांश ग्रामीणों का रोजगार पशुपालन है। यहां लोग बडे बडे रेवड यानि भेड बकरियों के झुण्ड, रखते हैं और इनको चराने के लिये ये औरण ही एकमात्र साधन होता है, यदि औरण भूमि को डीम्ड फाॅरेस्ट घोषित किया जायेगा तो ग्रामीणों को अपने पशुओं को चराना असंभव होगा, पशुपालकों की आजीविकी अवरूद्ध हो जायेगी क्योंकि वनभूमि में वर्तमान प्रावधानों के अनुसार पशुओं की चराई बाधित है।
संगठन के सुनील व्यास ने कहा कि इन देव ओरणो में समय-समय पर उत्सव मेले यात्राएं आरती आयोजित होती रहती है। यदि यह भूमि डीम्ड फाॅरेस्ट घोषित होती है तो जन आस्थाओं और इन मेलों-आयोजनों-धार्मिक उत्सवों पर विपरीत प्रभाव पडेगा।
इस अवसर पर संघ के डा. करणीसिह बिट्ठु ने कहा कि मरुस्थलीय और होने के कारण से यहां पेड़ों का अभाव रहता है यह आदेश सगन वन क्षेत्र का लिए है और उनके लिए नहीं चाहिये थी।
वासुदेव चारण ने बताया कि 2004 की कपूर समिति की रिपोर्ट में चिन्हित की गई भूमियों और वर्तमान में इस विज्ञप्ति जारी होने के समय दर्शाई गई भूमियों में जमीन आसमान का अंतर है।
संघ के प्रदेश संगठन महामंत्री सूरजमाल सिंह नीमराना, संघ के सूरज प्रकाश राव, बलदेवदास भदानी ने भी विचार रखे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर