वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए एक पथ प्रदर्शक है मीडिया

 


-राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के प्लेनरी सेशन में वक्ताओं ने रखे विचार

सिरोही, 28 सितंबर (हि.स.)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन के आनंद सरोवर परिसर में चल रहे राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के दूसरे दिन देशभर से आए वक्ताओं ने मीडिया वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए एक पथ प्रदर्शक विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। मीडिया विंग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का मूल विषय स्वस्थ एवं सुखी समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण- मीडिया की भूमिका है।

नोएडा के इंडिया टुडे मीडिया संस्थान डीन एवं निदेशक डॉ. ध्रुबा ज्योति पति ने कहा कि यहां आकर बहुत प्रसन्न महसूस कर रहा हूं। यहां के दिव्य वातावरण में अद्भुत वातावरण होती है। अध्यात्म में ही वह शक्ति है कि इसके बल से ही वैश्विक शांति आएगी। हम उस महान संस्कृति से आते हैं जहां अलग-अलग भाषा, रंग-भेद और संस्कृति के लोग सद्भाव के साथ रहते हैं। जब हम आत्म निरीक्षण, आत्म विश्लेषण और आत्म चिंतन करने शुरू करने देंगे तो दुनिया की ज्यादातर समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए मीडिया एक पथ प्रदर्शक है।

जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी जयपुर के स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन डीन व प्रो. डॉ. नरेंद्र कौशिक ने कहा कि दुनिया में शांति स्थापित करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश में जो समस्याएं आईं हैं उनके समाधान के लिए मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही आपात स्थिति में मीडिया ने सद्बाव का संदेश दिया है।

नगर निगम जयपुर हेरिटेज के जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक मोतीलाल वर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया से समाज में अशांति का माहौल बन रहा है। आज से 40-50 साल पहले लोगों का जीवन बहुत सुखमय था, क्योंकि हम सीधेतौर पर लोगों से कनेक्ट होते थे। अब फिर समय आ गया है कि मीडिया को लोगों के जीवन में शांति और मार्गदर्शन के लिए आगे आना होगा। हम उस स्वर्णिम संस्कृति से आते हैं जहां कभी देवी-देवताओं की दुनिया थी। फिर से वही दुनिया लाने के लिए हमें अध्यात्म की ओर बढ़ना होगा।

गुजरात डीसा के स्तंभकार व स्वतंत्र पत्रकार भगवानदास ठक्कर ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार द्वारा भारत सहित पूरे विश्व में सकारात्मकता और विश्व शांति के लिए प्रचार किया जा रहा है। संस्था का एक ही उद्देश्य है विश्व शांति। अब इसमें मीडिया को भी होना है। किसी युद्ध में जब मीडिया की भूमिका पॉजीटिव होती है तो वह युद्ध भी समाप्त हो जाते हैं। भारत में आए कोरोनाकाल में मीडिया ने समाज के सामने बहुत ही पॉजीटिव खबरें दीं और हम इस महामारी से उबर पाए। मुंबई की लोक सामना समाचार की अखिल भारतीय ब्यूरो प्रमुख डॉ. दीप्ति जोशी ने कहा कि हमारी लोकशाही के तीन स्तंभ की हालत बहुत ही नाजुक है। ऐसे में मीडिया को सजग रहने की जरूरत है।

जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जेएआर) के अध्यक्ष हरि बल्लभ मेघवाल ने कहा कि पत्रकारों के आदर्श नारद मुनि जी ने लोक संवाद के आदर्श प्रस्तुत किए हैं। आज भी मीडिया लोक मंगल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज पत्रकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से हर क्षेत्र में अच्छे संदेश दिए हैं। वलसाड़ की जोनल संयोजिका बीके रंजन बहन ने सभी को राजयोग मेडिटेशन से शांति की गहन अनुभूति कराई। दिल्ली की संचार सलाहकार एवं इवेंट मैनेजमेंट प्रियदर्शिनी नरेंद्र, मप्र ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार सुरेश शर्मा, गुजरात जोन की अतिरिक्त जोनल संयोजिका बीके नंदिनी बहन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत भाषण ग्वालियर के बीके प्रहलाद ने दिया। संचालन भोपाल की डॉ. बीके रीना बहन ने किया। गुजरात दीसा के बीके शशिकांत ने आभार माना। राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतानु ने सभी अतिथियों का शाल पहनाकर और स्मृति चिंहृ भेंट कर स्वागत किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित