नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंची महाराष्ट्र की बाघिन भक्ति
जयपुर, 7 मार्च (हि.स.)। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन विभाग की टीम महाराष्ट्र के पुणे से चौदह सौ किलोमीटर लंबा सफर तय करके बाघिन भक्ति को गुरुवार सुबह नाहरगढ़ बायोलॉजिकल लेकर आई। बाघिन की उम्र करीब साढे सात वर्ष है। जिसे इक्कीस दिनों तक क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद पर्यटकों के लिए डिस्प्ले एरिया में छोड़ा जाएगा। बाघिन के आने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है।
जयपुर चिड़ियाघर के डीएफओ जगदीश गुप्ता ने बताया कि वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम महाराष्ट्र के पुणे स्थित राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बाघिन भक्ति को लेकर जयपुर पहुंची है। जू एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क द्वारा दो फीमेल, एक मेल वुल्फ के साथ ही एक फीमेल हायना पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क को दिए गए हैं। जबकि पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क द्वारा साढे सात साल की टाइग्रेस भक्ति जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क को सौंपी गई है। इससे पहले जुलाई 2022 में ग्वालियर से टाइगर शिवाजी को लाया गया था। इससे पहले ओडिशा से फीमेल टाइगर रानी को लाया गया था।
गुप्ता ने बताया कि बाघिन भक्ति को चौदह सौ किलोमीटर का लंबा सफर तय करके सुरक्षित तरीके से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है। इसमें करीब अठतालीस घंटे का समय लगा है। वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में बाघिन भक्ति को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाने के बाद मेडिकल मुआयना किया गया है। इक्कीस दिन तक बाघिन को क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद बायोलॉजिकल पार्क में ही मौजूद टाइगर शिवाजी के साथ टाइग्रेस भक्ति का जोड़ा बनाने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद दोनों को भविष्य में शुरू होने वाली टाइगर सफारी में छोड़ा जाएगा।
वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि चौदह सौ किलोमीटर का सफर तय करके बाघिन को सुरक्षित तरीके से लाना बड़ा चुनौतीपूर्ण रहा है। बिल्कुल धीमी रफ्तार में टाइगर को लाया गया। साथ ही रास्ते में सार संभाल की गई, ताकि किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो सके। साथ ही इस बात को ध्यान में रखते हुए हर सौ किलोमीटर पर उसे आराम दिया गया है। गुरुवार सुबह जयपुर आने के बाद भी टाइग्रेस भक्ति की मेडिकल जांच की गई है। इसके बाद उसे 21 दिनों के लिए कराल में शिफ्ट कर क्वारंटाइन रखा गया है। 21 दिनों बाद जब भक्ति स्वस्थ होगी और उसका व्यवहार ठीक होगा। तो उसे डिस्प्ले में भी रखा जाएगा। इसके साथ ही उसका बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद टाइगर शिवाजी के साथ जोड़ा बनाने की भी कोशिश की जाएगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो भविष्य में शुरू होने वाली टाइगर सफारी में दोनों को छोड़ा जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप