लोकसभा चुनाव : राजस्थान में अवैध शराब, नकदी एवं अन्य सामग्री की जब्ती का नया रिकॉर्ड
जयपुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। सीजर के मामले में राजस्थान ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2019 के लोकसभा आम चुनाव के मुकाबले इस बार अवैध सामग्री की जब्ती का आंकड़ा 1,350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 में 75 दिन में कुल 51.42 करोड़ रुपये मूल्य नकदी सहित अन्य अवैध सामग्री जब्त की गई थी। इस बार 27 दिन में ही यह आंकड़ा 696 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने मार्च महीने की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि के रूप में लगभग 794.82 करोड़ रुपये कीमत की जब्तियां की हैं। लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई वस्तुओं की कीमत 696.13 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही हैं। इसी क्रम में प्रदेश भर में लगातार जब्ती की कार्रवाई की जा रही हैं। 1 मार्च से अब तक राजस्थान में 20 जिलों में 20-20 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की संदिग्ध वस्तुएं और नकदी जब्त की गई है।
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, 1 मार्च, 2024 से अब तक 35 करोड़ 96 लाख रुपये नकद, 120 करोड़ 63 लाख रूपये से अधिक मूल्य की ड्रग्स, 41 करोड़ 13 लाख रुपये कीमत की शराब और 49 करोड़ 21 लाख रूपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है। साथ ही, 546 करोड़ 97 लाख रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा 89 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं।
उन्होंने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च, 2024 से अब तक 35 करोड़ रुपये नकद, लगभग 73 करोड़ 75 लाख रुपये मूल्य की ड्रग्स, लगभग 35 करोड़ 3 लाख रुपये कीमत की शराब और 41 करोड़ 33 लाख रुपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है। साथ ही, 510 करोड़ 31 लाख रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा लगभग 69 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं।
इन संदिग्ध वस्तुओं के अवैध परिवहन पर कार्रवाई करने वाली कार्यकारी एजेंसियों में राज्य पुलिस, राज्य एक्साइज, नारकोटिक्स विभाग एवं आयकर विभाग प्रमुख हैं। इन जांच एवं निगरानी एजेंसियों और विभागों द्वारा प्रदेश भर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी भी संदेहास्पद मामले पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/ इंदु/ईश्वर