रामलला के जन्मोत्सव से गुंजायमान हुआ कृष्ण-बलराम मंदिर

 


जयपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। राम आयेंगे हर जनमानस का मन प्रसन्नता से प्रफुल्लित हो रहा है क्योंकि रामलला का आगमन हो गया है पूरे भारत ने दिवाली मनाकर प्रभु श्री राम का स्वागत किया है और जगतपुरा के श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में भी कुछ ऐसा ही माहौल है। मंदिर में रामनवमी के अवसर पर भगवान राम का पूरे हर्षोल्लास से स्वागत किया गया। पूरे मंदिर को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया। श्री कृष्ण बलराम का राम लक्ष्मण की तरह विशेष अलंकार किया गया जिसे देखकर भक्त भाव विभोर हो गए।

रामलला के जन्मोत्सव के दिन भक्त सुबह से ही उत्साहित थे, मंदिर में हज़ारों की संख्या में लोग भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे। दिन भर भजन संकीर्तन पर लोग नृत्य करते हुए प्रभु श्री रांम की लीलाओं का गुणगान करते रहे। 13 अप्रैल से श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में राम कथा का आयोजन हुआ था। जिसका समापन राम नवमी के दिन हुआ। रामनवमी के विशेष आयोजन में मंदिर के मथुरा गार्डन में राम तारक यज्ञ का आयोजन हुआ। जिसमे हज़ारों लोगों ने भाग लिया। साथ ही रामलला के लिए पालकी उत्सव का आयोजन हुआ। जिसमे भक्तों ने नाचते गाते हुए उनका स्वागत किया। सबके मन में उत्साह था प्रभू श्री राम से मिलने का बच्चा हो या बड़ा हर कोई बस अपने भगवान् को एक झलक भर देखना चाहता था उनसे मिलना चाहता था। श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में हर साल रामनवमी का भव्य आयोजन होता है और इस बार भी भक्त इस आयोजन को लेकर बहुत ही प्रफुल्लित थे। क्योंकि उन्हें अपने प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लेना था।

मंदिर अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया कि रामनवमी के भव्य आयोजन में मंदिर में नाम रामायण का पाठ किया गया। जिसमें रामायण की संपूर्ण लीलाओं और पात्रों की चर्चा हुई।

मंदिर अध्यक्ष अमितासन दास ने रामनवमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की “ त्रेता युग में भगवान राम आदर्शों और धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए। उनका जीवन मर्यादा, सत्य और वीरता की मिसाल था। श्रीमद्भागवद और रामायण में भगवान् राम का चरित्र और उनके जीवन मूल्यों का सजीव चित्रण दिखाई देता है। उन्होंने जीवन की हर मुश्किल परिस्तिथि में न्याय और सत्य का साथ नहीं छोड़ा और इसलिए वो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहलाये। ”

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर