दिल्ली में नड्डा से मिले किरोड़ीलाल : कहा- 45 साल से जिस क्षेत्र में सेवाएं दीं, वे लोग विमुख हुए, बर्दाश्त नहीं

 


जयपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद किरोड़ीलाल मीणा शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद भी किरोड़ीलाल मीणा अपने इस्तीफे के स्टैंड पर कायम हैं। नड्डा से मिलने के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि मैंने इस्तीफा बहुत पहले दे दिया था। उजागर कल किया था, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे आज 11:15 बजे मिलने बुलाया था।

उन्होंने मुझसे पूछा इस्तीफा क्यों दिया, मैंने कहा एक ही कारण है कि मैं 40-45 साल से जिस क्षेत्र में सेवाएं दे रहा हूं, न दिन देखा न रात देखा, न गर्मी न सर्दी देखी। वो लोग मेरे से विमुख हो गए, यह चीज मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता, इसलिए नैतिकता के नाते मंत्री पर छोड़ दिया, क्योंकि मैंने लोकसभा चुनाव में इसकी घोषणा की थी। मैं मेरे विधानसभा और संसदीय क्षेत्र में पार्टी को जीत नहीं दिला सका यही कारण है और कोई कारण नहीं है। इस्तीफा वापसी के सवाल पर कहा कि यह अलग बात है, दस दिन बाद मिलूंगा, फिर बताऊंगा। किरोड़ी ने कहा कि यह बात सही है कि इमरजेंसी में पीएम मोदी के साथ काम किया है, मैं मीसा में भी बंदी रहा हूं, यातनाएं भी बहुत दी गईं। मैं पार्टी लाइन नहीं छोड़ता, पार्टी के अनुशासन में रहता हूं। मोदी मुझे बहुत स्नेह करते हैं, मित्रवत संबंध रखते हैं, मैं भी उनका बहुत आदर करता हूं।

भाई को दौसा से टिकट की पैरवी के सवाल पर किरोड़ीलाल ने कहा कि यह गलत है, ऐसी कोई बात नहीं है। चुनाव में जहां भी मेरे को भेजा जाएगा, मैं वहां काम करूंगा। तीन उप चुनाव ऐसे हैं, जहां एसटी बाहुल्य क्षेत्र है, मैं वहां काम करूंगा हम उम्मीदवारों को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। उन्होंने कहा कि पद की मेरी कोई चाहत नहीं है। किसी से कोई नाराजगी नहीं है। हम संघ की शाखा में गीत गाया करते थे- नहीं चाहिए पद, शीश चढ़ाकर मां के चरणों में.... पद के लिए न मोदी जी आए न मैं आया। न कोई और आया, हम तो राष्ट्रभक्ति के भाव से काम करने आए हैं, यह संस्कार है देश कैसे मजबूत हो, उसके लिए पद मिले तो काम करना, न मिले तो भी काम करना है।

किरोड़ीलाल एक महीने पहले ही अपना इस्तीफा सीएम भजनलाल शर्मा को भेज चुके थे। सीएम ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। इस्तीफा देने के बाद किरोड़ीलाल अपनी मर्जी से दिल्ली गए थे। बताया जा रहा है कि उनसे दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुलाकात नहीं की थी। इससे नाराज होकर किरोड़ीलाल ने जयपुर लौटकर अपने इस्तीफा देने का खुलासा कर दिया। मीणा गुरुवार को जयपुर के मानसरोवर में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपना इस्तीफा देने का खुलासा किया था। किरोड़ीलाल ने कहा था कि मैंने पांच जून को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया था। उसके बाद 25 जून को मैंने मिलकर भी उनकाे इस्तीफा सौंपा। उन्होंने इस्तीफे को पूरी तरह से ठुकरा दिया। इसके बाद मैंने उन्हें इस्तीफा मेल कर दिया है। इसकी घोषणा आज की है।

किरोड़ीलाल ने कहा कि आप लोग जानते हो की तमाम कोशिश के बाद भी मैं अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में पार्टी को जीता नहीं सका। मैंने चुनाव के दौरान घोषणा कर दी थी। उस घोषणा को मैंने पूरा किया है। दिन-रात मैंने जनता के लिए संघर्ष किया, लेकिन जनता ने मेरी नहीं मानी। मुझे निराश किया। इसलिए मैंने अंतरात्मा की आवाज से पद छोड़ दिया। उन्होंने कहा था कि मेरी मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं है। न ही कोई संगठन से शिकायत है। न ही कोई अपेक्षा है और न ही मुझे कोई पद चाहिए। ईमानदारी से कह रहा हूं, मैं अपनी पार्टी को नहीं जीता सका। मेरी यह असफलता है, उसी असफलता के कारण मैंने इस्तीफा दिया है। मीणा ने कहा था कि जब मैं सरकार था। तब मैंने आरएएस भर्ती परीक्षा को स्थगित करने की मांग की थी। वह परीक्षा स्थगित कर दी गई। हॉर्टिकल्चर की जमीन कौड़ियों के भाव में अलवर में बेच दी थी। मैंने सरकार का ध्यान आकर्षित किया। वह जमीन निरस्त हो गई। जल जीवन मिशन के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग मैंने सरकार से की थी। सरकार ने सीबीआई को जांच दे दी। सरकार में था तब भी जनता के मुद्दों को मजबूती से रखने का काम किया। आगे भी यह चलता रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर