कन्याओं के चरण पखार कर खुशाल भारती ने किया सनातनी चातुर्मास का पारणा
उदयपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। उदयपुर के बलीचा स्थित राजराजेश्वर बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे दिगम्बर खुशाल भारती महाराज के सनातनी चातुर्मास का विसर्जन कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को होगा। इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान होंगे, साथ ही विशाल नगर भण्डारा भी होगा। विसर्जन पर सूरजकुण्ड कुम्भलगढ़ के अवधेशानंद महाराज का भी सान्निध्य प्राप्त होगा। चातुर्मास विसर्जन के मद्देनजर देश भर से साधु-संत-महात्मा यहां पहुंच गए हैं। साधु-महात्माओं का आना निरंतर जारी है। चातुर्मास परिसर और उसके आसपास धर्म और अध्यात्म का मेला लगा हुआ है।
इससे पूर्व, रविवार को पंचायती निरंजनी अखाड़ा मढ़ी मनमुकुंद के दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने नौ कन्याओं का पूजन किया, उनके चरण पखारे और फिर मूंग की दाल का पानी ग्रहण कर चातुर्मास के व्रत का पारणा किया। उल्लेखनीय है कि इस बार सावन अधिक होने से चातुर्मास की अवधि पांच मास की रही।
सर्व समाज सनातनी चातुर्मास सेवा समिति के मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि प्रातःकाल 8.30 बजे हवन होगा। यह हवन दिगम्बर खुशाल भारती महाराज की कुटिया में ही होगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.15 से संत समाज की विदाई का क्रम शुरू होगा। साधु-संन्यासियों, संत-महंतों, स्थानधारियों और मेवाड़ मंडल के साधु-संतों को पंचायती निरंजनी अखाड़ा की परम्परानुसार विदाई प्रदान की जाएगी। चातुर्मास विसर्जन में आशीर्वाद प्रदान करने मेवाड़ संत मंडल के वरिष्ठ सूरजकुण्ड कुम्भलगढ़ के अवधेशानंद महाराज रविवार शाम को चातुर्मास स्थल पर पधारे। सोमवार को उनके सान्निध्य में संतों की विदाई होगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी भी सोमवार को उदयपुर पहुंच रहे हैं।
जोशी ने बताया कि दिगम्बर खुशाल भारती महाराज सहित अन्य संतों ने मेवाड़ अंचल के सर्व समाज छत्तीस कौम को विशाल नगर भण्डारे में पधारने का न्यौता दिया है। उन्होंने कहा है कि वे चातुर्मास की मर्यादा के अनुरूप विसर्जन से पूर्व स्थान नहीं छोड़ सकते, अन्यथा वे और उनका संत मण्डल सभी नगर-गांव-ढाणियों में न्यौता देने पहुंचते। इस दौरान दिन भर विशाल नगर भण्डारा चलेगा जिसमें मेवाड़ अंचल सहित देश भर से आने वाले श्रद्धालु महाप्रसाद ग्रहण करेंगे। विशाल नगर भण्डारे की व्यवस्थाएं महाकाल की नगरी उज्जयिनी से आया हलवाइयों का दल संभाल रहा है।
रविवार से ही चातुर्मास परिसर और उसके आसपास मेले सा माहौल हो गया। संत-महात्माओं की उपस्थिति ने क्षेत्र में धर्म और अध्यात्म की गंगा के दर्शन करा दिए। देश भर के विभिन्न स्थानों से यहां साधु-संत आए हैं। उनके ठहरने के लिए यज्ञशाला के समीप पाण्डाल बनाया गया है। चातुर्मास समिति के प्रमुख सदस्य हिमांशु बंसल, हर्षिल जोशी, महेश चाष्टा, गजेन्द्र खालसा, भानुप्रताप सिंह ताणा आदि के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं।
चातुर्मास के विसर्जन की पूर्व संध्या पर रविवार को भजन गायक नरेश प्रजापत, सुरेश गहलोत, अनंत लोहार, पिंकी गहलोत व त्रिशा सुथार भजनों की प्रस्तुतियां दीं। चातुर्मास महाकाल सर्व समाज सेवा समिति राजस्थान एवं सनातनी हिन्दू संगठन उदयपुर के संयोजन में आयोजित इस भजन संध्या में मंच संचालन विनायक जोशी ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/ईश्वर