प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट है कलरिपयट्टू का प्रशिक्षण अब बीकानेर में भी
बीकानेर, 21 दिसंबर (हि.स.)। प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट कलरिपयट्टू का प्रशिक्षण अब बीकानेर में भी लिया जा सकेगा। पुरानी गिन्नानी स्थित वैदिक मार्शल आर्ट एकेडमी में सायंकाल सत्र में कलरिपयट्टू का प्रशिक्षण उपलब्ध रहेगा। इंडियन कलारिपट्टू फैडरेशन युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघ है।
कलारिपट्टू एसोसिएशन राजस्थान के सीईओ विशाल सिंह की अनुशंसा से स्टेट जनरल सेक्रेटरी गौरव कुमार द्वारा देवेन्द्र सारस्वत को डिस्ट्रिक्ट कलरिपयट्टू एसोसिएशन बीकानेर का जिला सचिव बनाया गया है तथा बीकानेर में कलरिपयट्टू खेल के परमोशन करने तथा राज्य व राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में बीकानेर जिले से चयनित खिलाड़ियों को प्रतिभागिता निभाने के लिए अधिकृत किया गया है। कलरिपयट्टू एसोसिएशन राजस्थान द्वारा डिस्ट्रिक्ट कलरिपयट्टू एसोसिएशन बीकानेर को एनुअल एफिलिएशन प्रदान किया गया है। सारस्वत ने बताया कि भगवान परशुराम को कलारिपट्टू का जनक माना जाता है। यह सबसे प्राचीन मार्शल आर्ट है जिसे अब खेल विद्या के रुप में लोकप्रिय हो रही है। इंडियन नेशनल गेम्स और खेलो इंडिया में इस खेल को शामिल किया गया है।
देवेन्द्र सारस्वत को डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी बनाने पर पुर्व पार्षद भगवती प्रसाद गौड़, राजेन्द्र शर्मा, रमेश चन्द्र उपाध्याय, सुशील पंचारिया, ओमप्रकाश राजेरा, भाजपा खेल प्रकोष्ठ जिला सहसंयोजिका शोभा सारस्वत, देवदत्त शर्मा, नेशनल खिलाड़ी व विद्यार्थी परिषद खेलो भारत प्रांत संयोजक हिमांशु सारस्वत, गायत्री चौधरी, कोच धनंजय सारस्वत, वाय के शर्मा योगी, मोनिका गौड़ तथा प्रमिला गंगल द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर