कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा ग्यारह फरवरी को
जयपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश में कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा-2023 ग्यारह फरवरी को दो पारियों में आयोजित की जाएगी।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि परीक्षा के लिए बीस जून 2023 को आवेदन पत्र आमन्त्रित किये गये थे। इस परीक्षा का आयोजन रविवार ग्यारह फरवरी को होगा। पहली पारी में पेपर-1 प्रात: दस बजे से साढे बारह बजे तक तथा दूसरी पारी में पेपर-2 दोपहर तीन बजे से साढे पांच बजे तक होगा।
उन्होंने बताया कि परीक्षा के अन्तर्गत प्रत्येक प्रश्न के आगे पांच विकल्प-गोले दिए जायेंगे। पहले चार विकल्प/गोला ए,बी,सी और डी उपयुक्त उत्तर से संबंधित तथा पांचवा विकल्प/गोला 'ई' 'अनुत्तरित प्रश्न' से संबंधित होगा। अभ्यर्थी को ओ.एम.आर. उत्तर-पत्रक पर, संबंधित प्रश्न क्रमांक के लिए सही उत्तर निर्दिष्ट करने के लिए ए,बी,सी या डी अर्थात पहले चार में से केवल एक विकल्प/गोला नीले बॉल पॉइन्ट पेन से गहरा कर भरना होगा। यदि अभ्यर्थी कोई प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहता है तो पांचवा विकल्प/गोले 'ई' को गहरा करना होगा। यदि पांच विकल्पों में से कोई भी विकल्प/गोला गहरा नहीं किया गया तो उस प्रश्न के अंक का 1/3 भाग काट लिये जायेंगे। दस प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में किसी भी विकल्प/गोले को अभ्यर्थी द्वारा गहरा नहीं किया गया तो उसे परीक्षा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। प्रत्येक प्रश्न के लिए कम से कम एक विकल्प/गोला भरा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवार को 10 मिनट अतिरिक्त दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि उक्त परीक्षा के लिए प्रोविजनल ई-प्रवेश पत्र बोर्ड की वेबसाइट www.rsmssb.rajasthan.gov.in से डाउनलोड करने की दिनांक के लिए अलग से यथासमय सूचित कर दिया जायेगा। बोर्ड द्वारा परीक्षार्थियों को अलग से प्रवेश पत्र प्रेषित नहीं किये जायेंगे।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष ने परीक्षार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि परीक्षाओं के सम्बन्ध में विभिन्न सोशल मीडिया पर किये जा रहे भ्रामक प्रचार पर विश्वास न करें। बोर्ड द्वारा राज्य स्तरीय प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों में एवं बोर्ड की वेबसाईट पर प्रकाशित विज्ञप्ति द्वारा दी गई जानकारी को ही अधिकृत माना जावे। इसके अलावा परीक्षा में नकल कराने के नाम पर ठगी कराने वाले गिरोह के किसी झांसे/ बहकावे में नहीं आवें तथा परीक्षा के संबंध में विभिन्न सोशल मीडिया पर किये जा रहे भ्रामक प्रचार पर विचार न करें। परीक्षा संचालन में किसी प्रकार से अनुचित साधनों का उपयोग एवं अनियमित गतिविधियों (अधिनियम की धारा 2 (च) के अन्तर्गत यथा परिभाषित) में संलिप्तता पायी जाती है तो उनके विरूद्ध, राज. सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती के अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) अधिनियम 2022 एवं (संशोधन) अधिनियम, 2023 (संख्याक 17) के अनुसार दस लाख से लेकर अधिकतम दस करोड रुपये तक दंड तथा दस वर्ष से लेकर अधिकतम आजीवन करावास तक की सजा के प्रावधान है, जिसके अंतर्गत कठोर दंडात्मक कानूनी कार्यवाही की जा सकती है साथ ही ऐसे अभ्यर्थी को आगे परीक्षा देने से विवर्जित (डीबार) भी किया जावेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ईश्वर