शुभबेला में हुआ रावण दहन : रामरथ का जगह जगह स्वागत सत्कार, अखाड़ों के जीवंत प्रदर्शन ने मन मोहा
जोधपुर, 24 अक्टूबर (हि.स.)। असत्य पर सत्य, पाप पर पुण्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास व पारंपरिक तरीके से मनाया जा रहा है। शहर के कई इलाकों में आज शाम गोधूलि वेला में भव्य स्तर पर रावण दहन किया गया। इसके लिए सभी स्थानों पर रावण और उसके परिजनों के पुतले खड़े किए गए। नगर निगम उत्तर व दक्षिण की ओर से संयुक्त रूप से रावण का चबूतरा मैदान पर दशहरा महोत्सव मनाया गया। रावण दहन के बाद आकर्षक आतिशबाजी की गई। इससे पहले दोपहर में गाजे-बाजे के साथ रामजी की सवारी निकाली गई जो मेहरानगढ़ में पूजा अर्चना के बाद रवाना हुई। रास्तों में आर्य व्यायामशाला से जुड़े अखाड़ा़ेंं की तरफ जीवंत प्रदर्शन किया गया।
मेहरानगढ़ में मां चामुंडा के नौ दिन तक चले आसोजी नवरात्रा के बाद बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी परम्परानुसार आज मनाया गया। दशहरा पर यहां सुबह से ही विभिन्न कार्यक्रम शुरू हो गए। इसमें मुरली मनोहर मन्दिर में हाथी, अश्व, शस्त्र एवं शमी (खेजड़ी) की विधिवत पूजा पूर्व नरेश गजसिंह द्वारा की गई।
मेहरानगढ़ में दशहरा दरबार लगाया गया जिसमें मारवाड़ रियासत के जागीरदार, ठाकुर अपनी पारम्परिक वेशभूषा में पहुंचे। साथ ही प्रशासन की ओर से प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे। मुरली मनोहर मन्दिर में भगवान रामचन्द्र की सवारी का पूजन गजसिंह और जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। तत्पश्चात रामचन्द्र की तस्वीर को खासे में विराजमान किया गया और लवाजमें के साथ मन्दिर से बाहर प्रशासन की तरफ से पूजन के लिए रखा गया। भगवान की पूजा-अर्चना के बाद सवारी बैंड बाजे, शहनाई, लवाजमे के साथ रवाना हुई।
यहां से निकली सवारी :
फतेहपोल से बाहर सवारी की अगवानी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई एवं प्रतिमा को रथ में बैठाया गया। यहां से भगवान रामजी की सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए शाम को रावण का चबूतरा मैदान पहुंचर। यहां गोधूलि वेला में मुख्य अतिथि रिमोट से तीर चलाकर रावण दहन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व नरेश गजसिंह सहित कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
रावण के साथ ही मेघनाद, कुंभकर्ण, शूर्पणखा और ताडक़ा के पुतलों का भी दहन किया गया। इसके बाद भव्य आतिशबाजी की गई।
रावण का चबूतरा मैदान से विजय जुलूस के वापस मेहरानगढ़ दुर्ग पहुंचने पर भगवान श्रीराम का राजतिलक किया गया।
कई स्थानों पर पथ संचलन, शस्त्र पूजन किया गया
विजयादशमी के अवसर पर आरएसएस के स्वयंसेवकों ने आज विभिन्न मार्गों पर घोष वादन करते हुए पथ संचलन किया। इस अवसर पर शहरवासियों ने उनका पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
आरएसएस के स्वयंसेवकों ने आज कदम से कदम मिलाते हुए शहर के विभिन्न प्रखंडों में पथ संचलन किया। घोष वादन के साथ हुए इस पथ संचलन में छोटे बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्ग भी शामिल हुए। यह पथ संचलन विभिन्न मार्गों से गुजरा। रास्ते में कई स्थानों पर शहरवासियों ने उनका पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। पथ संचलन के बाद स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन भी किया।
लूणी में पथ संचलन :
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी पथ संचलन का आयोजन हुआ। लूणी कस्बे में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पथ संचलन किया गया। संघ के पप्पाराम पूनिया ने बताया कि कस्बे के विभिन्न मार्गों पर घोष वादन करते हुए पथ संचलन किया गया। पथ संचलन के बाद खेल मैदान में शस्त्र पूजन किया गया। वहीं धुंधाड़ा में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से मंगलवार को पथ संचलन हुआ। मथानिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में पाबूर जाव आदर्श नगर से पथ संचलन रवाना हुआ।
.. और यहां हुई रावण की पूजा अर्चना, दहन तक रख जाता है शोक
मेहरानगढ़ दुर्ग की तलहटी में प्राचीन रावण का मंदिर आया है। यहां पर दवे गोदा परिवारों की तरफ से रावण की पूजा की जाती है साथ ही रावण दहन के दिन शोक रखा जाता है। समाज के लोग रावण दहन के उपरांत नहाते है और फिर रावण की विशेषरूप से पूजा अर्चना करते है।
नवग्रह मंदिर के पुजारी कमलेश कुमार दवे के अनुसार दशहरा यानी रावण दहन के दिन समाज के लोग शोक रखते है। रावण उनके देवता है और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते है। यहां बरसों से रावण की पूजा चलती आ रही है। उनकी पूजा से लाभ प्राप्ति होती है। हम लोग रावण दहन में शामिल नहीं होते है। यहां दवे गोदा के सौ परिवार के लोग रहते है, सभी शोक मनाते है। रावण दहन के उपरांत ही नहाते है और फिर पूजा अर्चना के बाद भोजन आदि ग्रहण करते है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर