चांद बावड़ी दुर्दशा की शिकार : प्रशासन नहीं ले रहा सुध

 


जोधपुर, 04 मई (हि.स.)। प्राचीन जलाशय चांदबावड़ी इन दिनों दुर्दशा की शिकार हो रही है। गंदगी और मैले से अटी पड़ी बावड़ी अब दुर्गंध भी मारने लगी है।

जोधपुर के पुराने शहर में गुंदी का मोहल्ला के आगे और रानी सागर और पदम् सागर के नीचे स्थित है चांद बावड़ी और ये क्षेत्र चांद बावड़ी के नाम से ही जाना जाता है। चांद बावड़ी का निर्माण राव चुंडा की सोनगरी रानी चांद कंवर ने करवाया था। चांद बावड़ी के आगे मुहता नैणसी की हवेली स्थित है। हालाकि चांद बावड़ी बहोत छोटी सी बावड़ी है, किन्तु रियासतकाल में ये भी एक प्रमुख प्रारम्भिक जल स्रोत था और मेहरानगढ़ दुर्ग के बनने के साथ ही इसका भी निर्माण हुआ।

वर्तमान में चांद बावड़ी के ऊपर एक मंदिर और वाचनालय बना हुआ है। वर्तमान बावड़ी साफ़ सफाई के अभाव में दुदर्शा की शिकार बनी है। मगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर