कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के इन्क्यूबेशन सेंटर (साबी) में प्रशिक्षित 8 स्टार्टअप्स को मिला 75 लाख का अनुदान

 


जयपुर, 11 जून (हि.स.)। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कृषि-व्यवसाय इंक्यूबेटर में प्रशिक्षित कोहोर्ट-8 स्टार्टअप्स की उन्नति का मूल्यांकन चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (सीसीएस नियाम) द्वारा गठित चयन समिति द्वारा किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य कृषि स्टार्टअप्स की उन्नति का मूल्यांकन कर उनको अनुदान प्रदान करना था। इस आयोजन में कुल 13 स्टार्टअप्स में से 12 स्टार्टअप्स ने भाग लिया। चयन समिति ने इन स्टार्टअप्स के नवाचारी परियोजनाओं का मूल्यांकन किया और उनमें से 8 स्टार्टअप्स को 75 लाख रुपए की अनुदान सहायता प्रदान की गई।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने कहा कि कृषि छात्रों और कृषि उद्यमियों के लिए कृषि-व्यवसाय इंक्यूबेशन सेंटर जोबनेर की स्थापना एक बड़ा कदम है जो कृषि क्षेत्र को उच्च स्तर पर ले जाने का निरन्तर प्रयास कर रहा है। डॉ बलराज सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (सीसीएस नियाम) द्वारा श्री कर्ण नरेंद्र कृषि-व्यवसाय इंक्यूबेटर जोबनेर में आयोजित किया गया था। यह इन्क्यूबेशन सेंटर नवाचारी कृषि उद्यमियों को तकनीकी, वित्तीय और व्यावसायिक सहायता प्रदान करता है, ताकि वे अपने कृषि में नवाचारी विचारों को साकार कर सकें और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे सकें। इस आयोजन ने कृषि स्टार्टअप्स को उनके व्यावसायिक और तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है, जिससे उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता और संसाधनों तक पहुंच प्राप्त हुई है। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि-व्यवसाय इंक्यूबेटर नवाचारी कृषि उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है। इस प्रकार की गतिविधियां भारतीय कृषि क्षेत्र को ओर अधिक उन्नत और प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान ( सीसीएस नियाम) के इन्क्यूबेशन सेंटर के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. रवि गोयल ने श्री कर्ण नरेंद्र कृषि-व्यवसाय इंक्यूबेटर (साबी) जोबनेर के कार्यो की सराहना की एवं भविष्य में भी इसी तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. मोहन लाल जाखड़ ने बताया कि इस इनक्यूबेशन सेंटर नें अब तक 184 नवाचारी कृषि स्टार्टअप्स को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 50 स्टार्टअप्स को 6 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्रदान की है जो एक सराहनीय कदम है।

इन्क्यूबेशन सेंटर के प्रभारी डॉ. आई. एम. खान ने बताया कि इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा तीन तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिसमे कृषि छात्रों को एक माह की मेंटरशिप और तकनीकी सहायता के साथ 4 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्री-सीड स्टेज कृषि उद्यमियों को एक माह की मेंटरशिप और 05 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी एवं सीड स्टेज कृषि उद्यमियों को एक माह की मेंटरशिप और तकनीकी सहायता के साथ 25 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश मीणा/ईश्वर