सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए ई-वेस्ट अवेयरनेस कैम्पेन में जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी साथ गठबंधन

 


जयपुर, 17 अक्टूबर (हि.स.)। ओप्पो इंडिया ने ऑल-इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के सहयोग से अपने जनरेशन ग्रीन अभियान का दूसरा चरण देशव्यापी इलेक्ट्रॉनिक-वेस्ट (ई-वेस्ट) अवेयरनेस ड्राईव के साथ जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, जयपुर में शुरू कर दिया है। इस अभियान के साथ यह यूनिवर्सिटी इस कार्यक्रम के अंतर्गत ‘ईको-कॉन्शियस चैंपियन इंस्टीट्यूट’ बन गई है। पहले चरण में ओप्पो इंडिया और एआईसीटीई ने 1एम1बी के प्रबंधन में युवाओं के बीच सस्टेनेबल विधियों को बढ़ावा दिया और विद्यार्थियों को भारत में ग्रीन इंटर्नशिप प्रदान कीं। इसके लिए 1 हजार 400 संस्थानों से 9 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने आवेदन दिया था, जिनमें से 5 हजार विद्यार्थियों का चयन कार्यक्रम के लिए कर लिया गया था।

इस अभियान के दूसरे चरण में एक सस्टेनेबल भविष्य के लिए युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट की बढ़ती हुई चुनौती के प्रति जागरुक बनाया जाएगा, जिसमें मोबाईल फोन, चार्जर, बैटरी और वायर आते हैं।

इस अभियान के अंतर्गत जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के 200 इंटर्न जयपुर के 42 स्कूलों में 27 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों तक पहुँचकर सस्टेनेबिलिटी और जिम्मेदारीपूर्वक ई-वेस्ट मैनेजमेंट के बारे में जागरुकता बढ़ाएंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मिस ज्योति लुहाड़िया, टेक्निकल डायरेक्टर, डिऑआईटी एंड सी विभाग एवं एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, आर-कैट, राजस्थान सरकार तथा गेस्ट ऑफ ऑनर, मिस दीपाली उपाध्याय, प्रोग्राम डायरेक्टर, एआईएम, नीति आयोग मौजूद थीं। अन्य गणमान्य लोगों में अर्पित अग्रवाल डायरेक्टर एवं वाईस चेयरपर्सन जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी और राकेश भारद्वाज, हेड, पब्लिक अफेयर्स ओप्पो इंडिया थे। ई-वेस्ट के जिम्मेदार प्रबंधन की जागरुकता बढ़ाने के इस कार्यक्रम में जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी और नजदीकी स्कूलों के विद्यार्थियों ने विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लिया, जिनमें नुक्कड़ नाटक, कविता पाठ और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं शामिल थीं।

यह अभियान गतिविधि आधारित जागरुकता सत्रों, ग्रीन संकल्पों और ई-सर्वे के माध्यम से ग्रीन स्किल्स को बढ़ावा देते हुए 2024 के अंत तक 10 लाख से ज्यादा युवाओं तक ले जाया जाएगा।

ओप्पो इंडिया में हेड, पब्लिक अफेयर्स, राकेश भारद्वाज ने कहा, ‘‘ओप्पो इंडिया में हम युवाओं को एक सस्टेनेबल भविष्य के निर्माता के रूप में देखते हैं। यूनिवर्सिटीज़ के साथ गठबंधन करके और युवाओं की ऊर्जा एवं इनोवेशन की मदद से हमारा यह अभियान देश में वास्तविक परिवर्तन लेकर आ रहा है। हम 5,00,000 से ज्यादा युवाओं तक पहुँच चुके हैं और यह मुहिम अभी भी जारी है। हम एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो सस्टेनेबिलिटी को महत्व देने और भविष्य में इसे बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यूनाईटेड नेशंस ट्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटैड) रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट निर्माण में दुनिया में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। यहाँ 2010 से 2022 के बीच स्क्रीन, कंप्यूटर, और छोटे आईटी एवं टेलीकम्युनिकेशन उपकरणों का इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट 163 प्रतिशत बढ़ा है। यह प्रभावशाली ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक बड़ी चुनौती के साथ एक अच्छा अवसर भी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश