जयपुर ज्वैलरी शो : चार दिनों में 46 हजार विजिटर्स ने की शिरकत
जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। जयपुर आभूषण की दुनिया में एक विशिष्ट स्थान रखता है और जयपुर ज्वैलरी शो इस शहर की समृद्ध विरासत, परंपरा और कला का उत्सव है। यह बात राजस्थान के उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने जयपुर ज्वैलरी शो 2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आभूषण उद्योग आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार प्रगतिशील नीतियों और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के जरिए इस उद्योग को सहयोग करने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर जेजेएस वाईस चेयरमैन दिनेश खटोरिया ने कहा कि अपने शुरुआती वर्षों में मात्र 67 बूथों से शुरू होकर 1 हजार 227 बूथों तक पहुंचना इस शो की उल्लेखनीय विकास यात्रा को दर्शाता है। आज यह एग्जीबिशन देश की सबसे बड़ा बी2बी और बी2सी प्लेटफॉर्म बन चुकी है। इसका यह विशाल स्वरूप और वर्षों से बनी रही प्रासंगिकता आयोजन समिति, प्रदर्शकों और सभी सहयोगी भागीदारों के सामूहिक प्रयासों और निरंतर प्रतिबद्धता का परिणाम है। जिन्होंने हर वर्ष इसकी सफलता की नींव मजबूत की है। रश्मिकांत दुर्लभजी ऑडिटोरियम उनके दूरदर्शी नेतृत्व और अमूल्य योगदानों को समर्पित एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है, जिनके प्रयासों ने इस विकास की नींव रखी।
जेजेएस के मानद सचिव राजीव जैन ने बेस्ट बूथ अवॉर्ड्स की घोषणा की। उत्कृष्ट बूथ डिजाइन और ज्वेलरी प्रस्तुति के लिए '18 वर्ग मीटर से ऊपर बेस्ट बूथ ज्वेलरी' श्रेणी में विजेताओं में पहला स्थान बिरधीचंद घनश्यामदास ने जीता वहीं, दूसरे स्थान पर मोहनलाल नारायणदास ज्वैलर्स रहे। वहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वैलरी (आईआईजीजे) को बेस्ट इंस्टीट्यूट अवॉर्ड प्रस्तुत किया। उन्होंने शो के अगले संस्करण की तारीखों की भी घोषणा की, जो 18 से 21 दिसंबर, 2026 तक आयोजित होगा। इस आयोजन के पैमाने और पहुंच पर ज़ोर देते हुए जैन ने बताया कि इस वर्ष शो में 46,000 से ज़्यादा विजिटर्स आए, जिनमें से 15 हजार बाहर के शहरों से थे। उन्होंने आगे कहा कि दिसंबर का महीना उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहता है, क्योंकि इस दौरान व्यापार से जुड़े कई अप्रवासी राजस्थानी जयपुर में होते हैं। जिससे बिजनेस संबंध और नेटवर्किंग के अवसर अधिक मजबूत होते हैं।
जेजेएस के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता अजय काला ने समापन समारोह का संचालन किया। उन्होंने कहा कि इस बार जेजेएस व्यवसाय के साथ-साथ प्रबंधन की दृष्टि से भी व्यापक और उपयोगी शो रहा। उन्होंने शो की सफलता के लिए सभी प्रदर्शकों, विक्रेताओं और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। समापन समारोह में इस आयोजन से जुड़े वेंडर्स को उनके सहयोग के लिए स्मृति चिन्ह दिए गए। इनमें से अधिकांश विक्रेता वर्ष 2003 में जेजेएस की स्थापना के समय से ही इससे जुड़े हुए हैं।
जेजेएस में 'अनकट' अनफिल्टर्ड डायलॉग्स सेगमेंट के अंतर्गत आखिरी दिन 'व्हाय कलर्ड जेमस्टोन्स आर बीकमिंग लग्जरी न्यू ऑब्सेशन' विषय पर एक रोचक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। चर्चा में प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों ने उपभोक्ता की पसंद, डिज़ाइन की समझ और वैश्विक बाज़ार में हो रहे परिवर्तनों पर विचार साझा किए। इस सेशन में घाटीवाला ज्वैल्स से अभिषेक घाटीवाला, अद्भुत ज्वेल्स से बेला बधालिया, राज डायमंड्स से नितिन बेताला और नेशनल फैसट्स से यश दमानी शामिल थे। इस सेशन को जेजेएस के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता, अजय काला ने संचालित किया।
अभिषेक घाटीवाला ने बताया कि नीलामी घरों की वजह से जेमस्टोन्स की निरंतरता, सप्लाई और क्वालिटी में बहुत बड़ा बदलाव आया है। पहले, यह सेक्टर काफी हद तक अव्यवस्थित था। अब लोग रंगीन रत्नों की अहमियत समझने लगे हैं। बेला बधालिया ने दुर्लभ जेमस्टोनंस के साथ डिजाइनिंग पर बात की और बताया कि डिजाइन प्रक्रिया रत्न के मार्गदर्शन में होती है। उन्होंने ज़ोर दिया कि जेमस्टोन के नेचुरल कैरेक्टर और विरासत को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन को सिंपल, क्लासी और टाइमलेस रखा जाता है। तकनीकी उत्कृष्टता पर जोर देते हुए, यश दमानी ने कहा कि जबकि अब रंगीन रत्न अधिक उपलब्ध हैं, उनकी असली कीमत उनके उत्कृष्ट कट और चमक में निहित है। उन्होंने बताया कि कटिंग रत्न की विशेषता और आकर्षण को काफी हद तक बदल देता है और आज के जागरूक बाज़ार में सर्टिफिकेशन खरीदार के विश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण हो गया है। वहीं नितिन बेताला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ग्राहक, विशेषकर युवा पीढ़ी, अब विशिष्ट और पारंपरिक नहीं रत्न विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वाद बदल रहा है। लेकिन गुणवत्ता पर कभी समझौता नहीं होना चाहिए।
सेशन का समापन करते हुए संचालक अजय कला ने बताया कि इंटरनेशनल कलर्ड जेमस्टोन एसोसिएशन (आईसीए) ने “सेमी-प्रेशियस” शब्द को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है, जो वैश्विक लक्ज़री परिदृश्य में रंगीन रत्नों की बढ़ती अहमियत को दर्शाता है। इससे पूर्व जयपुर की युवा एंटरप्रेन्योर कीया अग्रवाल बधालिया की नई पुस्तक 'लग्जरी अनकट- हाउ टेक्नोलॉजी इज रीराईटिंग द वैल्यु ऑफ जैम्स' का विमोचन किया गया। इस अवसर पर जेजेएस के मानद सचिव राजीव जैन, जेजेएस वाईस चेयरमैन, श्री दिनेश खटोरिया, जेजेएस के संयुक्त सचिव,अजय काला सहित जेजेएस आयोजन समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। यह पुस्तक जेमस्टोन्स के इतिहास और हेरिटेज के साथ-साथ तकनीक के बदलते माहौल में जेमस्टोन्स के भविष्य का विश्लेषण करती है। पुराने ऑक्शन रिकॉर्ड, विशेषज्ञ इंटरव्यू और जेमोलॉजी रिसर्च रिपोर्ट आदि के माध्यम से लेखक ने इस पुस्तक में उन महत्वपूर्ण फैक्टर्स को सामने लाया है जो आज के बदलते लग्ज़री मार्केट में किसी स्टोन की कीमत को प्रभावित करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश