जयपुर जिला प्रशासन को मिली बड़ी सफलता:महज सात दिन में आसान हो गई जयपुर से दिल्ली तक की राह
जयपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। जयपुर से दिल्ली तक की राह अब और आसान होगी और महज तीन घंटे में जयपुर से दिल्ली तक का सफर मुकम्मल होगा। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे को जोड़ने वाले 67 किमी. लम्बे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जयपुर के बगराना गांव में अवाप्त भूमि पर निर्मित 250 से ज्यादा दुकानों, मकानों एवं संरचना को हटाने का कार्य समझाइश और प्रभावितों को मुआवजा वितरण के बाद पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया बगराना में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार साउदर्न रिंग रोड एवं जयपुर-आगरा हाईवे को सीधा क्लोवर लीफ एवं अन्य स्ट्रक्चर के माध्यम से 6 लेन एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाना है। जिससे जयपुर-दिल्ली का सफर महज 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा बल्कि आए दिन लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी।
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत आगरा रोड पर बगराना के पास दोनों तरफ क्लोवर लीफ का कार्य किया जाना था। इसके लिए क्लोवर लीफ के एरिया में कुल 265 संरचना को हटाया जाना था। जिसके लिए 14 करोड़ 54 लाख 86 हजार 622 रुपये का संरचना मुआवजा अवार्ड जारी किया गया था। क्लोवर लीफ के रैंप 3 एवं 4 का कार्य अप्रैल-मई 2024 में प्रारम्भ कर दिया गया था। इसके पश्चात रैंप 1 एवं 2 का कार्य प्रारम्भ करवाया जाना था। उन्होंने बताया कि रैंप 1 एवं 2 व लूप 1 एवं 2 के निर्माण हेतु पाल कॉलोनी, लक्ष्मी मार्केट, चित्रकूट कॉलोनी, बीआर नगर, पंचवटी कॉलोनी आदि क्षेत्र में 220 रहवासी सरंचना को हटाया जाना था। जिसके लिए संबंधित हित पक्षकारों को मुआवजा वितरित किया गया। 14 जुलाई 2024 को अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) राजकुमार कस्वां, उपखण्ड अधिकारी (जयपुर-प्रथम) राजेश जाखड़, तहसीलदार पुष्पेन्द्र सिंह एवं पटवारी हजारी सिंह नरूका द्वारा मौके पर जाकर प्रभावितों से वार्ता एवं समझाइश की गई। साथ ही मुआवजा वितरण कार्रवाई की भी संपूर्ण जानकारी दी गई तथा उन्हें अवगत करवाया गया कि 19 जुलाई 2024 को संरचनाएं हटाने का कार्य शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में 19 जुलाई 2024 को मौके पर एनएचएआई को संरचनाएं सुपुर्द की गई जिस पर एनएचएआई द्वारा संरचनाएं हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। 19 जुलाई से 22 जुलाई 2024 तक सभी संरचनाएं एनएचएआई को सुपुर्द कर दी गई हैं। 19 जुलाई से ही एनएचएआई द्वारा संरचना एवं मलबे को हटाने की कार्रवाई जारी है जिससे क्लोवर लीफ का कार्य निर्धारित समय पर पूरा किया जा सकेगा। इस पूरी कार्रवाई दौरान जिला प्रशासन की टीम तथा पुलिस उप आयुक्त कावेन्द्र सागर मय पुलिस टीम मौके पर मौजूद रहे।
विरोध इस तरह सहमति में हुआ तब्दील
जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार संपूर्ण कार्रवाई के दौरान मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद हित पक्षकारों एवं आमजन द्वारा किसी तरह का कोई भी प्रतिरोध नहीं किया गया एवं कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपादित की गई। जिसके लिए आम जनता एवं पक्षकार धन्यवाद के पात्र है। जिला प्रशासन द्वारा हित पक्षकारों को संरचना हटाने से पहले मुआवजा राशि सुपुर्द करने, प्रोजेक्ट के तहत सर्वे टीम द्वारा संरचनाओं का भौतिक सत्यापन करवाने, संरचना का मूल्यांकन करवाने, पर्याप्त एवं संतोषजनक मुआवजा प्रदान करने के साथ-साथ संरचना को रिक्त करने के लिए पर्याप्त समय दिये जाने का आश्वासन दिया गया था। यही कारण है कि महज 7 दिनों में इस समझाइश द्वारा संरचना हटाने का कार्य पूर्ण कर दिया गया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग एवं प्रभावितों की सहमति के बाद प्राधिकरण का प्रयास रहेगा कि आगामी सितंबर, 2024 तक क्लोवर लीफ एवं रैंप का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। वहीं, प्रभावित श्री बजरंग लाल ने बताया कि जिला प्रशासन की समझाइश के बाद सभी प्रभावितों ने राष्ट्रहित एवं राजमार्ग निर्माण हेतु सहमति से अपनी संरचनाएं हटाने की अनुमति प्रदान की। जिला प्रशासन द्वारा संरचना मुआवजा भी जारी किया गया है।
यूं आसान होगी जयपुर से दिल्ली की राह
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे को जोड़ने वाले 67 किमी. लंबे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। 1 हजार 368 करोड़ की लागत से बनने वाले 67 किमी. लम्बे लिंक एक्सप्रेस वे का काम सितम्बर 2024 तक पूरा होगा। करीब 56 किमी. लेन का डामरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस वे के बनने से दिल्ली-जयपुर के बीच का सफर तीन घंटे का हो जायेगा। इसके साथ ही जगह-जगह मिलने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश सैनी / ईश्वर