चातुर्मास 20 से, कई साधु-संतों का होगा मंगल प्रवेश

 


जोधपुर, 05 जुलाई (हि.स.)। तप, जप, ज्ञान, ध्यान, आराधना-साधना का पारंपरिक आत्म कल्याण चार माह का जैन धर्म का महान पर्व चातुर्मास बीस जुलाई से शुरू हो रहा है। इसको लेकर जैन समाज की अलग-अलग संस्थाएं व संगठन तैयारियों में जुट गए है।

श्री महावीर शासन स्थापना महोत्सव समिति के राष्ट्रीय महामंत्री धनराज विनायकिया ने बताया कि जैन समाज के साधु साध्वीवृंद आदि संघों संस्थाओं में किए गए निर्धारित चातुर्मास स्थलों की ओर भीषण गर्मी में अग्रसर हो रहे हैं। वह आसपास क्षेत्रों में विचरण करते हुए मुहूर्त तिथि के अनुसार चातुर्मास मंगल प्रवेश करेंगे। विनायकिया ने बताया कि आषाढ़ सुदी चतुर्दशी से कार्तिक सुदी पूनम यानी कि 20 जुलाई से 15 नवंबर तक मूर्तिपूजक दिगंबर स्थानकवासी तेरापंथी आदि जैन संप्रदाय के समस्त जैनाचार्य, साधु-साध्वी चातुर्मार्सिक धार्मिक गतिविधियों का शुभारंभ करेंगे।

साध्वी मंजूला का मंगल प्रवेश सात को

श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ का 7 जुलाई को चातुर्मासिक मंगल प्रवेश होगा। खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष भूरचंद जीरावला एवं सचिव राजेन्द्र भसांली ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आर्चाय जिन मणिप्रभ सूरिश्वर की आज्ञानुवर्तिनी केैवल्य धाम तीर्थ प्रेरिका निपुणाश्री की विदुषी शिष्याएं प्रवचन प्रभाविका साध्वी मंजूला का सोमेया सात जुलाई को सुबह आठ बजे वैदो का बैरा, गुलाब नगर जैन मन्दिर के पास से प्रारम्भ होकर खरतरगच्छ जैन सेवा ट्रस्ट के नूतन भवन उद्यान अपार्टमेंट के पास पाल रोड 21 सेक्टर हाउसिंग बोर्ड में होगा। प्रवेश के पश्चात जुलूस धर्मसभा में परिवर्तित हो जाएगा। मीडिया प्रभारी दीपक कुंमार सिंधवी ने बताया कि इस सौमेया कार्यक्रम में भारत के विभिन्न शहरों से गुरूभक्त का आगमन होगा। नियमित प्रवचन 20 जुलाई से प्रतिदिन 9 बजे से 10 बजे तक खरतरगच्छ जैन सेवा ट्रस्ट के नूतन भवन में होंगे।

ध्यान रत्न विजय महाराज का मंगल प्रवेश 14 को

श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन मंदिर गुरो के तालाब में गुरुदेव ध्यान रत्न विजय महाराज का चातुर्मास मंगल प्रवेश 14 जुलाई को होगा। श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन मंदिर के ट्रस्टी ओम प्रकाश चोपड़ा ने बताया कि गुरुदेव 14 जुलाई को सुबह आठ बजे पाश्र्वनाथ कल्याण केंद्र गुरो का तालाब रोड से चातुर्मास के लिए विहार करेंगे। चातुर्मास प्रवेश के बाद गुरुदेव का प्रवचन व मांगलिक होगा तथा गुरुदेव की कामली की बोली होगी। प्रवचन के बाद 108 पाश्र्वनाथ का महापूजन होगा। इसमें अलग-अलग लाभार्थी परिवार द्वारा अभिषेक किया जाएगा एवं भगवान की आरती होगी। आरती के बाद में गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया है। इसको लेकर मंदिर में तैयारी चल रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर