राज विस चुनाव : पेपर लीक घोटाले की निष्पक्ष जांच से बडी मछलियों को खतरा - पूनावाला

 


कोटा, 27 अक्टूबर (हि.स.)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि कहा कि संवैधानिक जांच एजेंसी पर कुत्ते, बिल्ली जैसे शब्दों का प्रयोग करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निष्पक्ष जांच से इतने घबरा क्यों रहे हैं। कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर की पदयात्रा में स्वयं कहा था कि यह कौनसी जादूगरी है कि प्रदेश में बार-बार पेपर लीक हो रहे हैं। पेपरलीक घोटाला मामले में ओमप्रकाश हुडला के छोटे भाई गिरफ्तार हो चुके हैं जो जांच में सहयोग करने की बजाय एतराज क्यों किया जा रहा है।

आज प्रदेश के 70 लाख भुक्तभोगी युवा पेपर लीक घोटाले की जांच निष्पक्ष एजेंसी द्वारा होने से न्याय की उम्मीद लगाये बैठे हैं। लेकिन लाल डायरी के खुलने के डर से मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं ‘लाल’ हो रहे हैं। अपने बेटे वैभव गहलोत को बचाने के लिये वे संवैधानिक जांच एजेंसी पर हल्की भाषा का प्रयोग करने लगे हैं। कांग्रेस विधायक इंद्रराज गुर्जर कहते हैं, पेपर लीक घोटाले के माफिया खुलेआम घूम रहे हैं। बडी मछलियों को नहीं पकडा जा रहा है। प्रदेश में लाखों युवाओं के साथ पेपर लीक घोटाले में अन्याय हुआ तो मुख्यमंत्री चुप क्यों रहे। किसी ने कुछ भी गलत नहीं किया है तो प्रदेश में ‘चोर मचाये शोर’ जैसी स्थिति क्यों बनाई जा रही है। जांच होने दीजिये, सच ही तो सामने आयेगा।

कोटा का कलमाडी कौन ?

पूनावाला ने कहा कि दिल्ली में कॉमनवैल्थ गेम्स-2010 के लिये स्टेडियम निर्माण घोटाले में कांग्रेस के मंत्रीे सुरेश कलमाडी भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये थे, उसी तरह 1400 करोड रूपये चम्बल रिवर फ्रंट निर्माण घोटाले में कोटा की जनता अच्छी तरह जानती है कि कोटा का कलमाडी कौन है। घोटाला नहीं था तो मुख्यमंत्री गहलोत इसका उद्घाटन करने क्यों नहीं आये। पहली बरसात में ही इसके घटिया निर्माण की पोल खुल गई है। कांग्रेस आलाकमान ने चार सूचियों में 95 नामों की घोषणा करने के बाद भी कांग्रेस के मंत्री को कोटा उत्तर से टिकट देने में असहमति जताई है। उन्होंने भ्रष्टाचार का इशारा भी किया है। कोटा की जनता अच्छी तरह जानती है कोटा का कलमाडी कौन है।

करप्शन ने कोटा की पहचान बदली-

उन्होने कहा कि कोटा की पहचान कोटा स्टोन, कोटा साडी, कोटा कचौरी और कोटा कोचिंग से होती है लेकिन अब कांग्रेस ने कोटा में कट्टरपंथी, करप्शन व खनन लूट से इसकी पहचान बदलने का काम किया है। कोटा युवाओं के स्टार्टअप और विकास का हब बने या तुष्टिकरण की नीति से पीएफआई का अड्डा बने यह जनता को तय करना है। उन्होंने कोटा, बारां, झालावाड व बारां जिले के भाजपा आईटी सेल के प्रभारियों से चुनावी रणनीति पर मंथन किया।

राजस्थान में लूट, छूट और कूट की सरकार-

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साढे चार साल से राजस्थान में लूट, छूट और कूट की सरकार चल रही थी। चुनावी वादों से पलटकर युवाओं, किसानों और महिलाओं के साथ धोखा किया है। तुष्टिकरण की नीति और दिखावी छूट से राजस्थान सरकार अब कंगाली के कगार पर खडी है। बिजली की टैरिफ बढाकर छूट का दिखावा किया गया। राजस्थान में पेट्रोल के दाम 108 रू लीटर हैं, जबकि पडौसी गुजरात, उप्र, उत्तराखं डमें पेट्रोल की दरें 96-97 रू लीटर ही हैं। कांग्रेस को यह महंगाई नहीं दिख रही है। लाखों कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन देने के लिये फंड नहीं है। सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के लिये पैसा नहीं है।

सियासी पर्यटक बनकर आई प्रियंका-

पूनावाला ने कटाक्ष लेते हुये कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा राजस्थान में सियासी पर्यटक बनकर रणथम्बौर सेंचुरी घूमने आई हैं। वे अपना रिपोर्ट कार्ड बताने की बजाय किसानों, युवाओं और महिलाओं से सफेद झूठ बोल रही हैं। वे बतायें कि हिमाचल प्रदेश में कितना महिलाओं को 1500 रू मिले हैं। कनार्टक में सभी चीजों के दाम बढ़ाये हैं। अब सिर्फ चुनावी वादे करके महिलाओं को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। राजस्थान के राजसमंद में 15 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। कांग्रेस शासन में 8 दिन तक दोषियों पर पोक्सो का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। करौली, भीलवाडा, हनमानगढ की घटनायें महिला अत्याचार को उजागर करती हैं। ऐसे मुद्दे पर प्रियंका मौन क्यों हैं। एक सवाल के जवाब में पूनावाला ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ‘डीडी’ अर्थात धोखा देना की नीति पर चल रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/ईश्वर