भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने अनुसंधान अनुदान, पुरस्कार और एमओयू के साथ मनाया 17वां स्थापना दिवस
जोधपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने कई रोचक कार्यक्रमों और घोषणाओं के साथ अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया। इस दिन की शुरुआत 42 संकाय सदस्यों को लगभग 6.5 करोड़ रुपये के अनुसंधान आरंभ अनुदान के वितरण के साथ हुई। इस पहल का उद्देश्य संकाय सदस्यों को बुनियादी अनुसंधान सुविधाएं स्थापित करने और अनुसंधान गतिविधियां शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। अनुदान वितरण के पश्चात वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निदेशक ने गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ संकाय सदस्यों के साथ परिसर में नीम के पेड़ लगाए।
आईआईटी जोधपुर के 16 वर्ष पूरे होने के मौके पर निदेशक प्रो अविनाश अग्रवाल ने आईआईटी राजस्थान से आईआईटी जोधपुर तक के विकास क्रम को दर्शाते हुए कहा कि एक संस्थान को बनाने में कई पीढियां लग जाती हैं। आज जो आईआईटी जोधपुर हमारे सामने है इसे यहां तक पहुंचाने में बहुत लोगों ने कठोर श्रम किया हैं। हमारा भविष्य में आगे बढ़ना जरूरी है लेकिन हमें अपने भूतकाल को भी याद रखना चाहिए। अगर हम उन सभी प्रयत्नों को याद नहीं करते हैं जिनकी बदौलत यहां है तो यह सही नहीं होगा। उन्होंने कहा हम कई नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसके पश्चात गणमान्य व्यक्तियों ने संस्थान के दो महत्वपूर्ण प्रकाशन: टेकस्केप जर्नल और आईआईटीजे एट ए ग्लांस ब्रोशर जारी किए।
कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने आईआईटी जोधपुर की इनक्यूबेशन, प्रारंभ, विकास, फूलने और वर्तमान परिपक्वता और स्केल-अप चरण को विस्तार से बताया। उन्होंने फैकल्टी शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रियाओं के पुनर्निर्माण, नेतृत्व संवर्धन और रिसर्च इनिशिएशन ग्रांट और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों की समीक्षा पर जोर दिया। इस मौके पर शिक्षण नवाचार के लिए दिए जाने वाला डॉ. वंदना शर्मा मेमोरियल पुरस्कार डॉ. आकांक्षा चौधरी, स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स को शिक्षण में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया। कई संकाय सदस्यों को संस्थान के अनुसंधान उत्कृष्टता-2024 के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गयाए जिसमें इंजीनियरिंग श्रेणी में प्रो. अजय अग्रवाल, प्रो. प्रकाश तिवारी और डॉ. निशांत कुमार को सम्मानित किया गया। विज्ञान श्रेणी में डॉ. संदीप मुरारका वरिष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार और डॉ. विग्नेश मुरलीधरन को युवा शोधकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. रेचल फिलिप को मानविकी, सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन में युवा शोधकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रो. सुष्मिता झा और डॉ. निशांत कुमार वर्ष 2023 के उच्च प्रभाव वाले प्रकाशनों के लिए शोधकर्ता उत्कृष्टता पुरस्कार (उच्च प्रभाव जर्नल प्रकाशन) से सम्मानित किया गया।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रतिभाशाली कर्मचारी पुरस्कारों के अंतर्गत ग्रुप “ए” श्रेणी में डॉ. क्षेमा प्रकाश, उप पुस्तकालयाध्यक्ष को सम्मानित किया गया। ग्रुप “बी” में अमित कुमार, कनिष्ठ अभियंता (विद्युत) और नारायण दाधीच, कनिष्ठ अधीक्षक को संयुक्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया । ग्रुप “सी” में अभिनव शुक्ला, कनिष्ठ तकनीकी सहायक और रॉबिन सिंह कैंतुरा, जूनियर सहायक को संयुक्त पुरस्कृत किया गया। छात्रों के लिए भा.प्रौ.सं. जोधपुर राष्ट्र निर्माण विकसित भारत 2047 के पथ पर विषय पर निबंध-लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में पुजारी मयूरी राजेश ने पहला स्थान प्राप्त किया। अश्विनी प्रताप सिंह और अविनाश कुमार चौहान क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा कि आप स्टार्टअप पर काम करें, फेल होंगे लेकिन सफलता मिलेगी। अग्रवाल ने आईआईटी जोधपुर के हिंदी में पढाई को सराहा ओर कहा कि हमारे समय में ऐसे कई लोग थे जो अंग्रेजी नहीं जानते थे। वो बहुत परेशान होते थे। उनके दो सेमेस्टर तो अंग्रेजी सीखने में निकल जाते थे।
इसके बाद कई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मेघालय शामिल हैं। आईआईटी जोधपुर ने अब इन 11 एनआईटी संस्थानों के मेधावी बी.टेक छात्रों को पीएचडी कार्यक्रमों में सीधे प्रवेश की सुविधा के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिससे विभिन्न शोध क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। समारोह के मुख्य अतिथि विपिन सोंधी ने कहा कि भारत में युवाओं के महत्व पर अपनी बता रखते हुए अनुसंधान और छात्रवृत्ति में सीमाओं को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उनहोंने कहा कि हमारे पास प्रतिभाशाली लोगों की कमी नहीं है। उन्होंने युवा समुदाय को देश को गौरव दिलाने और एक विकसित भारत में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। सोंधी ने भारत को एक उत्पाद राष्ट्र बनने की आवश्यकता पर जोर दिया। जिसमें उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और नवाचार समूहों की स्थापना करने का आह्वान किया। जिससे आईआईटी जोधपुर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योगदान करने की स्थिति में आएगा।
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष पद्मश्री ए.एस. किरण कुमार ने कहा कि हमारे देश के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने की महत्ता पर जोर दिया जा रहा है। इसमें आईआईटी जोधपुर अपनी महत्ती भूमिका निभा रहा है और आगे भी निभाता रहेगा। आईआईटी जोधपुर तकनीकी प्रगति और शिक्षा में उत्कृष्टता को आगे बढ़ाते हुए और भी अधिक सफल संस्थान के रूप में उभरता रहेगा। इस मौके पर जोधपुर आईआईटी और जयपुर, मेघालय और सिक्किम एनआईअी के साथ परस्पर सहयोग के लिए एमओयू भी साइन हुए। इसके अलावा उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों, शिक्षकों व अन्य स्टाफ को सम्मानित भी किया गया। प्रो. संपत राज वडेरा ने आभार जताया।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप