भाजपा की नीतियों से किसान बरबादी के कगार पर, युवाओं के हितों पर कुठाराघात- पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा
जयपुर, 21 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा और राजस्थान मुख्य तौर पर कृषि के लिये पहचाने जाते हैं। किसान, जवान और पहलवान तीन हमारे मूलभूत कार्य हैं। हरियाणा हो, चाहे राजस्थान जवान और किसान मुख्य रूप से यहां के मतदाता हैं। भाजपा का रवैया किसानों के प्रति क्या है, यह आंकलन करना आवश्यक है, क्योंकि भाजपा ने किसानों की आमदनी दुगुनी करने का वादा किया था। आमदनी तो दुगुनी हुई नहीं, लेकिन किसानों की लागत कई गुना बढ़ गई। खाद, बिजली एवं पेस्टीसाईड की कीमतें लगातार बढ़ रही है। यूपीए शासन के दौरान हर साल फसल की एमएसपी 15 से 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है और अब 3 से 4 प्रतिशत भाजपा शासन में बढ़ोतरी होती है, जिसका तात्पर्य यह है कि किसान बरबादी की कगार पर है।
हुड्डा ने उक्त विचार मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर पर आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हरियाणा एवं राजस्थान के अधिकाधिक युवा देश की सीमा की निगरानी करने के लिए फौज में जाते हैं, किन्तु उनके हितों पर कुठाराघात करते हुये भाजपा की केन्द्र सरकार ने अग्निवीर योजना लागू कर दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत् 18 साल का युवा फौज में भर्ती होता है और 22 साल की उम्र में उसे घर लौटा दिया जायेगा, ना पेंशन मिलेगी और ना ही कोई सुविधायें प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह युवाओं के हितों पर कुठाराघात है क्योंकि प्रतिवर्ष राजस्थान एवं हरियाणा से अधिकाधिक युवा रोजगार के लिए सेना में जाते थे। उन्होंने कहा कि यह योजना भाजपा ने ही लागू की इसलिये यदि भाजपा की सरकार आई तो युवाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान एवं हरियाणा खेल और खिलाडिय़ों का प्रदेश है और सभी ने देखा है कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने देश की पदक विजेता बहिन-बेटियों के साथ कैसा सलूक किया है। उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर महिनों तक बेटियां धरना देती रही, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें एमएसपी की गारंटी दी गई थी, उसके तहत् स्वामी नाथन् आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सी-2 वन प्लस 50 प्रतिशत प्रोफिट पर दी जानी थी। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज माफी से लेकर कर्ज मुक्त तक ले जाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में आज कांग्रेस पार्टी का जो जन घोषणा पत्र जारी हुआ है उसमें सबसे पहले लिखा है कि स्वामी नाथन् कमेटी की सिफारिशों के अनुसरण में एमएसपी का कानून लाया जायेगा और जो एमएसपी से कम खरीद करेगा, वह कानून के तहत् सजा योग्य होगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी नहीं मिलती तो किसानों को निराशा में कम कीमत पर अपनी फसल को बेचना पड़ता है, इस कानून से किसानों को अत्यधिक लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने जो वादे किये वे पूरे करके दिखाये हैं, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने अपने पांच वर्ष के शासन में प्रदेश के हर वर्ग के लिये जिसमें युवा, महिला, किसान, पिछड़े शामिल हैं के उत्थान के लिये अच्छा कार्य किया है।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज जयपुर में चुनाव प्रचार के लिये आये हैं और प्रधानमंत्री झूठ योजना के अन्तर्गत कुछ और भी झूठ बोलेंगे। उन्होंने कहा कि एक हकीकत की जानकारी आज प्रस्तुत की जा रही है क्योंकि इस विषय पर बार-बार एक झूठ प्रधानमंत्री महोदय द्वारा बोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 जुलाई, 2018 को जयपुर में ही राष्ट्रीय परियोजना बनाने का वादा प्रदेश की जनता से किया गया था। उन्होंने कहा कि इसका तात्पर्य यह है कि 90 प्रतिशत लागत केन्द्र सरकार वहन करेगा। उन्होंने कहा कि 6 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री ने इस वादे को पुन: अजमेर में दोहराया। कांग्रेस सरकार बनने के बाद छह बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्वी राजस्थान परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया, लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी नहीं तोड़ रहे हैं क्योंकि इस पर वे निर्णय नहीं लेना चाहते हैं, इससे व्यथित होकर राजस्थान की सरकार ने 2022-2023 के बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए 9600 करोड़ का बजट प्रावधान किया तथा 2023-2024 के बजट में 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया, कुल मिलाकर यह अनुमान किया गया कि वर्ष 2014 के मूल्यों के अनुसार इस परियोजना के लिये 40 हजार करोड़ रूपये आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस लागत में से राज्य सरकार ने अब तक 23 हजार करोड़ खर्च के लिए प्रावधान किया लेकिन प्रधानमंत्री इस परियोजना पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहे हैं तथा केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री जो राजस्थान से ही हैं उन्होंने भी इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी और इस परियोजना की वकालत भी नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब बोल रहे हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कभी इस परियोजना की मुझसे मांग नहीं की और ना ही दबाव बनाया, जबकि पत्र लिखकर अनेक दफा राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि यह एक मिसाल है कि किस तरीके से मुद्दाविहीन प्रधानमंत्री राजस्थान की जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई चुनाव में भाजपा के पास मुद्दा नहीं है तो प्रधानमंत्री झूठे इल्जाम लगाकर अपने चुनाव का प्रचार कर रहे हैं।
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