पूर्व राजस्व मंत्री जाट की गिरफ्तारी पर रोक मामले पर सुनवाई 20 को

 


भीलवाड़ा, 19 दिसम्बर (हि.स.)। पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के मामले में 20 दिसम्बर को राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में सुनवाई होगी। जाट स्वयं जोधपुर पहुंच गये है। जाट हाल ही में विधानसभा चुनाव हार गये थे। उसके बाद उनकी गिरफ्तारी की संभावना के चलते वो हाईकोर्ट पहुंचे हैं।

भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में दर्ज पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। जाट ने इसके खिलाफ 14 दिसंबर को उन पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की।

पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट सहित पांच लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 23 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था। राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर का आरोप था कि करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर मंत्री ने अपने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवाए थे। इसके बदले पांच करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन कागज नाम होने के बाद रुपये नहीं दिए गए। रामलाल जाट ने करेड़ा थाने में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर 211 के खिलाफ हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की है। उन्होंने सेक्शन 482 सीआर पीसी (204) के तहत उन पर दर्ज एफआईआर को खारिज करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की है।

भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में 17 सितंबर को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने एफआईआर दर्ज की थी। रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी का नाम है। खास बात थी कि रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन ही थाना प्रभारी ओम प्रकाश का ट्रांसफर हो गया था। उनके ट्रांसफर को भी इस मामले से जोड़कर देखा गया था और यह काफी चर्चा में रहा था।

माइंस कंपनी का रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम था- माइनिंग व्यवसायी राजसमंद के गडबोर निवासी परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया था कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि नाम से ग्रेनाइट मांइस का काम करता है। माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है। इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल व चंद्रकांत शुक्ला के नाम से है। जिस समय कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उस समय परमेश्वर श्याम सुंदर व चंद्रकांत से 10 करोड़ रुपये मांगता था। इसके चलते इन दोनों ने माइंस के 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर व उसकी पत्नी भव्या जोशी के नाम पर कर दिए थे।

रिश्तेदारों के नाम करवाए शेय- आरोप है कि बाकी के 50 प्रतिशत शेयर का सौदा श्याम सुंदर व चंद्रकांत ने पूर्व मंत्री रामलाल जाट से कर दिया। रामलाल जाट ने माइंस के शेयर अपने रिश्तेदार मोना चौधरी व सुरेश जाट के नाम पर करवा दिए। इन शेयर के पैसे पूर्व मंत्री को देने थे। परमेश्वर (माइनिंग कारोबारी) श्याम सुंदर व चंद्रकांत से 5 करोड़ रुपये और मांगता था। इन दोनों ने बकाया 5 करोड़ रुपये शेयर खरीदने वाले रामलाल जाट से लेने के लिए कहा था।

पूर्व मंत्री ने रुपये देने से किया इनकार- आरोप है कि पूर्व मंत्री ने परमेश्वर से शेयर के कागज ट्रांसफर होते ही 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। 50 प्रतिशत शेयर मोना व सुरेश जाट के नाम ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद परमेश्वर ने 5 करोड़ रुपये मंत्री से मांगे। पूर्व मंत्री ने साफ इनकार कर दिया। दो करोड़ रुपए देने का आश्वासन दिया। वो दो करोड़ रुपये भी नहीं मिले।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मामला- परमेश्वर का आरोप है कि उसने रुपये नहीं मिले तो आपत्ति की। इस पर पूर्व मंत्री भड़क गए। अपने राजस्व मंत्री पद पर होने की बात कहते हुए धमकाया। इसके बाद 17 जून 2022 को माइंस पर काम कर रहे लेबर को वहां से डराकर भगा दिया था। इसके बाद पीड़ित परमेश्वर ने करेड़ा थाने में शिकायत की थी लेकिन उसका मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद परमेश्वर को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा था।

हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द/संदीप