महाशिवरात्रि पर शिवालयों में गूंजेगा हर हर महादेव

 


जयपुर, 7 मार्च (हि.स.)। छोटीकाशी में शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान शिव का पूजन और अभिषेक करेंगे। महाशिवरात्रि पर शिवयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण योग, घनिष्ठा नक्षत्र सहित अन्य योग संयोग और प्रदोष भी रहेगा। छोटीकाशी स्थित चौड़ा रास्ता के ताडक़ेश्वर महादेव, वैशालीनगर के झाडख़ंड महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, विद्याधरनगर के भूतेश्वर महादेव, झोटी चौपड़ के रोजगारेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में मंदिरों में चार प्रहर की पूजा के साथ ही विशेष अनुष्ठान होंगे। गुरुवार को सभी शिवालयों में महाशिवरात्रि की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी विक्रांत व्यास ने बताया कि लाइनों के जरिए भक्तों का प्रवेश होगा। रामसागर और गंगाजल की व्यवस्था की जाएगी। वैशालीनगर स्थित झाडखंड महादेव मंदिर में दो लाइनों के जरिए भक्तों का प्रवेश होगा। विदेशी फूलों से शृंगार होगा। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष जयपप्रकाश सोमानी ने बताया कि सुबह 4.30 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 3.30 बजे तक भक्त जल चढ़ा सकेंगे। भक्ति संगीत कार्यक्रम होगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर कुंभ राशि में सूर्य, शनि, शुक्र का युति संबंध रहेगा। इस प्रकार के योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं। जब नक्षत्र योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है। इस योग में शिव पूजन करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शुक्रवार के दिन श्रवण नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर करण तथा मकर राशि के चंद्रमा रहेंगे।

चार प्रहर पूजन समय

प्रथम प्रहर शाम 6:28 से रात्रि 9:32 तक

दूसरा प्रहर रात 9:33 से 12: 37 बजे तक, तृतीय प्रहर मध्य रात्रि 12:38 से 3:41 बजे तक , चतुर्थ प्रहर मध्य रात्रि बाद 3:42 से अगले दिन प्रात: 06:46 बजे तक।

इन उपायों से मिलेगा लाभ:

ज्योतिषाचार्य राजेंद्र शास्त्री के अनुसार नौकरी और व्यवसाय में परेशानी आ रही है तो रात को शिव मंदिर में 11 घी के दीपक जलाएं। आर्थिक तंगी होने पर शाम को भगवान शिव को शमी की पत्ती और रुद्राक्ष अर्पित करें। वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही है तो किसी सुहागिन महिला को सुहाग का सामान उपहार में दे। जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज और धन का दान करें। नंदी (बैल) को दलिया, गुड़ खिलाएं। शिव मंदिर में शर्करा का दान भी कर सकते। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण करता है उसे भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। रात्रि जागरण में शिव पुराण, शिव सहस्त्रनाम या शिव विवाह की कथा सुनने से भोलेनाथ संपन्नता का आशीर्वाद प्रदान करते है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर