जयगढ़ फेस्टिवल का भव्य शुभारंभः टॉक-शोज, कथक प्रस्तुति सहित क्राफ्ट बाजार रहे आकर्षण का केन्द्र

 


जयपुर, 9 दिसंबर (हि.स.)। पर्यटन स्थल के रूप में प्रतिष्ठित जयगढ़ फोर्ट के 40 गौरवशाली वर्षों का जश्न मनाने के लिए जयगढ़ फोर्ट में शनिवार को द जयगढ़ फेस्टिवल का भव्य आगाज हुआ। यह अपनी तरह का पहला और अनूठा फेस्टिवल है। जिसका आयोजन शहर की विरासत, कला और शिल्प के संरक्षण और प्रोत्साहन देने के उदेश्य के लिए जा रहा है। फेस्टिवल का उद्घाटन पद्मनाभ सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर गौरवी कुमारी भी उपस्थित रहीं। इसके पश्चात सुभट निवास में जयपुर घराने के कथक नृत्य और बांसुरी वादन की सुंदर प्रस्तुति हुई। फेस्टिवल में स्टूडेंट्स, विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में आगंतुक शामिल हुए।

इस अवसर पर पद्मनाभ सिंह ने कहा कि जयपुर शहर अपनी संस्कृति और इतिहास के लिए विश्व प्रख्यात है। उन्हे प्रसन्नता और गर्व है कि जयगढ़ फोर्ट के चालीस गौरवशाली वर्षों का जश्न मनाने के लिए आज जयगढ़ फेस्टिवल की शुरूआत की गई है। जयगढ़ फोर्ट हमारी संस्कृति, परंपरा और इतिहास को दर्शाता है। यह फेस्टिवल एक पहल है जिसके माध्यम से हम जयगढ़ की हेरिटेज, कछावा इतिहास, राजस्थान की संगीत परंपराओं और जीवंत लोक संस्कृति से आगंतुकों को रूबरू कराने का प्रयास कर रहे हैं।

जयगढ़ फोर्ट के खिलबति निवास में दिलचस्प टॉक शोज की एक विस्तृत शृंखला आयोजित हुई। डॉ. जाइल्स टिलोट्सन ने बिल्डिंग जयगढ़ः द फोर्ट थ्री टाइम विषय पर बात करते हुए जयगढ़ फोर्ट के वास्तुशिल्प पर प्रकाश डाला। उन्होंने किले से जुड़ी विभिन्न बारीकियों के बारे में बात की । जिस पर पहले कभी गौर नहीं किया गया है। किले और इसके कम ज्ञात तथ्यों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जयगढ़ का इतिहासकारों ने कभी अध्ययन नहीं किया क्योंकि उन्हें किलों में जाने की अनुमति नहीं थी। डॉ. गाइल्स ने किले की विभिन्न वास्तुशिल्प विशेषताओं के बारे में भी विस्तार से बात की।

कॉन्क्वेर्स एंड प्रोटेक्टर्सः रिट्रेसिंग कछावा हिस्ट्री पर एक अन्य टॉक में डॉ. अभिमन्यु सिंह अरहा ने चर्चा की। उन्होंने संपूर्ण कछावा इतिहास पर नए सिरे से रोशनी डालते हुए विस्तार से चर्चा की और आमेर एवं जयपुर से संबंधित गलत धारणाओं पर प्रकाश डालते हुए, कम ज्ञात भागों के बारे में बताया।

रीवाइविंग द म्यूजिक ट्रेडिशंस ऑफ राजस्थान विषय पर चर्चा में गोविंद सिंह भाटी और शेरोन जेनेवीव ने राज्य से जुड़े विभिन्न पारंपरिक और सांस्कृतिक संगीत के बारे में बात की और बताया कि आने वाली पीढ़ियों के लिए उन्हें जीवित रखना क्यों महत्वपूर्ण है। वहीं सुरुचि शर्मा ने दर्शकों को जर्नी विद फोक में लोक संस्कृति से रू-ब-रू कराया। जहां उन्होंने राजस्थान की विभिन्न लोक प्रस्तुतियों और कलाओं के बारे में बात की।

जयगढ़ फेस्टिवल के पहले दिन लघु चित्रकला,ब्लॉक प्रिंटिंग आदि जैसी विभिन्न कार्यशालाएं आयोजित हुईं। इसके अतिरिक्त, पीडीकेएफ क्राफ्ट बाजार में सॉफ्ट टॉय मेकिंग, गोटा पट्टी, बीड ज्वैलरी आदि जैसे शिल्प का डेमोन्स्ट्रेशन फेस्टिवल का विशेष आकर्षण रहा। दिन का समापन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक सुरुचि शर्मा की डॉक्यूमेंट्री मीन राग की स्क्रीनिंग के साथ हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप