राजस्थान में जैविक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता - कलराज मिश्र

 


कोटा, 10 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मोदी सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों में किए जा रहे प्रयासों को उपयोगी बताया। बुधवार को कोटा में कैथून रोड स्थित जाखोड़ा में श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र का अवलोकन करते हुये उन्होंने कहा कि कीटनाशक दवाइयों एवं फर्टीलाइजर रसायनों का प्रयोग किये बिना जैविक खाद के माध्यम से फसलों का दोगुना और तीन गुना उत्पादन प्राप्त करना प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में केन्द्र सरकार द्वारा जैविक खेती को आधुनिक तकनीक के माध्यम से नए आयाम दिए जा रहे हैं।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि लैब के माध्यम से उन कीड़ों को संरक्षित किया जा रहा है, जो फसलों के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिए जाने को लाभकारी बताते हुये कहा कि केन्द्र द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण किसानों के लिए बहुत फायदेंमंद होगा।

राज्यपाल ने केन्द्र के निदेशक ताराचन्द गोयल द्वारा पारम्परिक फसलों के साथ-साथ आधुनिक फसल उत्पादन के लिए किए जा रहे प्रयोगों को सराहा और कहा कि अन्य लोग भी प्रेरणा लेकर जैविक खेती को अपनाएं। श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक ताराचन्द गोयल ने बताया कि इस केन्द्र के माध्यम से अभी तक 13 हजार किसानों को जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा ड्रोन से स्प्रे, ड्रिप इरिगेशन एवं ग्रीन हाउस तथा परीक्षण प्रयोगशाला जैसे प्रयोग कर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द गुप्ता / संदीप माथुर