गीता महाकुंभ में होगा बांग्लादेश के हिंदुओं की दयनीय स्थिति पर चिंतन-मनन
जयपुर, 20 दिसंबर (हि.स.)। राजा पार्क स्थित श्रीराम मंदिर में हो रहे मां बगलामुखी महायज्ञ के अंतर्गत शनिवार को आवश्यक बैठक में बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों की तीव्र शब्दों में निंदा की गई। बैठक में संयुक्त राष्ट्र संघ से इस विषय में तत्काल हस्तक्षेप और केन्द्र सरकार से बांग्लादेश पर सर्जिकल स्ट्राइक की मांग की गई। बैठक में बांग्लादेश में मारे गए हिंदू युवक की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना भी की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए शिव शक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में सनातन धर्म का अस्तित्व गंभीर और निर्णायक संकट के दौर से गुजर रहा है। बांग्लादेश में हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचार केवल किसी एक समुदाय का विषय नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता को शर्मसार करने वाले कृत्य हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को इस विषय में मौन त्यागते हुए बांग्लादेश पर कड़े आर्थिक एवं कूटनीतिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। साथ ही भारतीय सेना को बांग्लादेश पर सर्जिकल स्ट्राइक कर मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि वहां की वास्तविक स्थिति को व्यवस्थित रूप से दबाने का प्रयास किया जा रहा है, किंतु जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे अत्यंत पीड़ादायक एवं चिंताजनक हैं। ऐसे में चुप्पी साधना भविष्य के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कि 21 दिसंबर रविवार को राजापार्क के श्रीराम मंदिर में आयोजित होने वाले गीता महाकुंभ में श्रीमद भगवद गीता के आलोक में वर्तमान राष्ट्रीय एवं वैश्विक परिस्थितियों पर गंभीर मंथन किया जाएगा।
गीता महाकुंभ में देशभर से संत,धर्माचार्य, विचारक एवं युवा एकत्र होकर सनातन धर्म की वर्तमान स्थिति, बांग्लादेश सहित विश्व में हिन्दुओं की स्थिति, राष्ट्र, संस्कृति एवं सामाजिक चेतना जैसे विषयों पर गहन चिंतन एवं विचार-विमर्श करेंगे तथा समाज को दिशा देने वाला सशक्त सार्वजनिक संदेश प्रस्तुत किया जाएगा। समाज में गौ माता पर बढ़ते अत्याचार, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर उत्पन्न हो रही गंभीर चिंताएं तथा सनातन मूल्यों के निरंतर क्षरण पर अब मौन रहना उचित नहीं है। ऐसे समय में संत समाज, सामाजिक संगठनों और राष्ट्रभक्त नागरिकों का एकत्र होकर वैचारिक दिशा तय करना अनिवार्य हो गया है।
बैठक में उपस्थित राष्ट्रीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष विजय कौशिक ने कहा कि यह समय केवल विमर्श का नहीं, बल्कि संगठित जागरूकता और वैचारिक सुदृढ़ता का है। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को गीता, सनातन संस्कृति और राष्ट्र धर्म से जोड़ना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। साथ ही उन्होंने मठ-मंदिरों की सामाजिक एवं सांस्कृतिक भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करने तथा राष्ट्र एवं सनातन विरोधी गतिविधियों पर संवैधानिक दायरे में कठोर दृष्टि रखने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में समाजसेवी चंद्रप्रकाश अग्रवाल, राजू बॉक्सर, चंद्र प्रकाश खेतानी, महाराज उदयवीर, रामानुज शर्मा, पुरुषोत्तम कुंभज, महेंद्र सिंह, नीरज अग्रवाल, गुरवीर पुरी सहित अनेक गणमान्य नागरिक, सनातन विचारक एवं सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश