'म्हारी गणगौर उत्सव' में महिलाओं को 'गणगौर संस्कृति सम्मान'
बीकानेर, 22 अप्रैल (हि.स.)। रमक झमक में 'म्हारी गणगौर उत्सव' शुरु हुआ। कार्यक्रम में पहले दिन गणगौर के पारम्परिक गीत गाने, मथेरण कला से गणगौर तैयार करने, कपड़े सीलने, मोतियों की ज्वैलरी बनाने, साफा पाग बनाने, रंग रोगन करने, श्रृंगार करने, गणगौर इवेंट करने, गणगौर का स्वरूप धरने, दातनियां बनाने, वातावरण निर्माण करने वाली तथा गणगौर सस्कृति में योगदान देने वाली शहर की 11 महिलाओं को 'गणगौर सस्कृति सम्मान' दिया गया। इसके साथ लकड़ी से गणगौर को आकृति घड़ने व मथेरण कला से गणगौर बनाकर वर्षों पुरानी परम्परा को जीवंत रखने के लिये 2 पुरुष गणगौर कलाकारों को विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान में अभिनन्दन पत्र, रमक झमक ओपरणा, स्मृति चिन्ह एवं 'म्हारी गणगौर' पुस्तक भेंट की गई। सम्मानित होने वालों में शीला देवी महात्मा, पदमा व्यास, आरती आचार्य, जयश्री मूंधड़ा, ज्योति दैया, बाबित शर्मा, ज्योति स्वामी, रुचिका भार्गव, नीतू आचार्य, सिद्धि जोशी, इंदु स्वामी मूलचंद महात्मा तथा कन्हयालाल सुधार शामिल रहे।
समारोह की शुरूवात में गवरजा के आगे भारतीय जीवन बीमा की सहायक मंडल प्रबंधक संगीता सेठी, वरिष्ठ लोक गायिका पदमा व्यास, समाज सेवी रामकंवरी ओझा, लक्ष्मी ओझा व रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा 'भैरुं' ने दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने बताया कि धींगा गवर मेले से पूर्व महिलाओं का खास उत्सव 'गणगौर' पर महिलाओं को ही केंद्र में रखकर आयोजन रखा गया 'म्हारी गणगौर उत्सव' में काफी उत्साह नजर आया। लक्ष्मी देवी व रामप्यारी ने सम्मानितों का परिचय दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर