विदेशी पर्यटकों ने आयुर्वेद विवि में किया भ्रमण : कार्यस्थल पर किए जाने वाले चेयर योग का करवाया सामूहिक अभ्यास
जोधपुर, 04 अप्रैल (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति के निर्देशानुसार मैक्सिको देश से पधारे सैलानियों को आयुर्वेद विश्वविद्यालय का परिचयात्मक भ्रमण करवाया गया।
सूर्यनगरी में पर्यटन के उद्देश्य से मैक्सिको से आए 21 सैलानियों ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में गहन रूचि के चलते विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया। विश्वविद्यालय परिसर स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद, होम्योपैथी महाविद्यालय एवं योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय के शैक्षणिक विभागों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कुलपति प्रो. प्रजापति ने बताया कि इस प्रकार के एक्सपोजऱ ट्रिप से आयुष पद्धति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है जिससे विदेशी पर्यटकों में आयुर्वेद चिकित्सा लेने के लिए उत्सुकता उत्पन्न होती है। सैलानियों को संबोधित करते हुए कुलपति ने आयुर्वेद चिकित्सा से सही हुए विभिन्न जटिल रोगों के प्रमाण दिए। आयुर्वेद चिकित्सा औषध से रोगों को ठीक ही नहीं करती अपितु यह रोगी के मानसिक व सामाजिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।
पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञान प्रकाश शर्मा ने पंचकर्म सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में विभिन्न रोगों में होने वाले पंचकर्म की क्रियाओं मालिश, शिरोधारा, कटिबस्ती, स्वेदन आदि सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा डॉ. अचलाराम कुमावत, डॉ. गौरीशंकर राजपुरोहित ने परिसर में निर्माणाधीन इंटरनेशनल सेण्टर फॉर पंचकर्म के बारे में बताया। साथ ही डॉ. निकिता पंवार ने हर्बल गार्डन में विभिन्न रोगों में उपयोग आने वाली जड़ी बूटियों जैसे तुलसी, अर्जुन, अश्वगंधा, नीम, ग्वारपाठा, शतावरी, निर्गुन्डी, गिलोय के गुणों के बारे में बताया। उन्होंने हर्बल गार्डन स्थित नक्षत्र वाटिका के बारे में भी सैलानियों को बताया।
स्नातकोत्तर स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग के एसो. प्रो. डॉ. सौरभ अग्रवाल व डॉ. हेमंत राजपुरोहित ने स्वस्थ रहने, एकाग्रत व स्मृति बढाने के लिए किये जाने वाले आसन जैसे त्रिकोणासन, शलभासन, वृक्षासन, सर्वांगासन व प्राणायाम भस्त्रिका व भ्रामरी के बारे में जानकारी दी तथा इसके साथ ही खऱाब पोस्चर व सिटींग जॉब्स के कारण होने वाले कमर, कंधे, गर्दन दर्द के निवारण व बचाव के लिए 10 मिनट का चेयर योग के प्रोटोकॉल का सामूहिक अभ्यास भी करवाया। भ्रमण के दौरान आयुष चिकित्सा पद्धति से सम्बंधित जिज्ञासाओं का समाधान किया।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर