आफरी में पांच दिवसीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण का शुभारम्भ

 


जोधपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) में भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण इंटीग्रेटेड एप्रोच फॉर सस्टेनएबल डेवलपमेंट ऑफ़ फ्रजाइल डेजर्ट इकोसिस्टम विषय पर आयोजित किया जा रहा है।

प्रशिक्षण उद्घाटन कार्यक्रम के आरम्भ में आफरी निदेशक एम.आर. बालोच, डॉ. तरुण कान्त ने मुख्य अतिथि अमित सहाय तथा विशिष्ट अतिथि सुरेश पन्त एवं सुविना ठाकुर का स्वागत किया। आफरी निदेशक बालोच ने देश भर से आए वन सेवा अधिकारियों का स्वागत करते हुए संस्थान द्वारा मरुस्थल स्थिरीकरण, जैव तकनीकी, जैव विविधता संरक्षण, जैव कीटनाशक, लूणी नदी के पुनरुद्धार, पचपदरा रीफाइनरी, शीशम क्लोन की उन्नत किस्में एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के बारे में बताया। समूह समन्वयक (शोध) एवं पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. तरूण कांत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पाठ्यक्रम का विस्तृत परिचय दिया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने पाठ्यक्रम सामग्री का विमोचन किया।

मुख्य अतिथि अमित सहाय ने जलवायु परिवर्तन में वानिकी के योगदान को समझाते हुए, कार्बन स्थरीकरण में सतत काष्ठ उत्पादन प्रक्रिया से पारिस्थितिकी तंत्र के सतत विकास में इसकी महत्ता को बताया। विशिष्ट अतिथि सुरेश पन्त ने वानिकी क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा किया। सुविना ठाकुर ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम को प्रतिभागियों के लिए उपयोगी बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर के 13 कैडर से आये 26 वन सेवा के अधिकारी भाग ले रहें हैं। उद्घाटन सत्र का मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अंजली जोशी ने किया | कार्यक्रम में आफरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक, अधिकारी एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। तकनीकी सत्र में डॉ. तरूण कान्त, डॉ. एल.एन. हर्ष, आर.एल. मीणा, एम. एल. सोनल विषय विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणार्थियों को व्याख्यान दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर