चार सीटों पर हारा परिवारवाद, पत्नी, दाे बेटे और एक भाई को मिली हार

 


जयपुर, 23 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा की सात सीटों खींवसर, झुंझुनू, सलूंबर, देवली-उनियारा,रामगढ़, दौसा और चौरासी उपचुनाव की चार सीटों पर मतदाताओं ने परिवादवाद को नकार दिया है।

राजस्थान की झुंझुनूं विधानसभा पर भाजपा के राजेन्द्र भांबू जीते है। उन्होंने कांग्रेस के अमित ओला को हराया। इस सीट पर भी वंशवाद का जादू नहीं चल सका। झुंझुनूं में दशकों से ओला परिवार का वर्चस्व बना हुआ था। कांग्रेस के अमित ओला की हार को यहां परिवारवाद पर मतदाताओं की गहरी चोट माना जा रहा है। रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन जुबेर की हार हुई है। बीजेपी ने इस सीट से सुखवंत सिंह को टिकट दिया था। उन्होंने आर्यन जुबेर को हरा दिया। इस सीट से एमएलए रहे जुबेर खान का निधन हो गया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उनके बेटे आर्यन जुबेर खान को प्रत्याशी बनाया। लेकिन इस जगह सहानुभूति का कार्ड नहीं चल सका। जनता ने बीजेपी के सुखवंत सिंह पर अपना भरोसा जताया। राजस्थान में खींवसर सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई थी, क्योंकि यहां मुकाबला हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल और भाजपा के रेवंतराम डांगा के बीच में था। यहां से भाजपा के रेवंतराम डांगा ने जीत हासिल की है। हनुमान बेनीवाल ने इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। इस बीच उनके बयान काफी चर्चा में भी रहे, लेकिन मतदाताओं ने उनकी पत्नी पर भरोसा नहीं जताते हुए बीजेपी के रेवंतराम डांगा को जिताया।

दौसा से बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया। कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा ने इस उपचुनाव में 2300 वोट से जीत हासिल की है। उन्होंने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा को करारी शिकस्त दी है। शिकस्त के बाद बीजेपी ने रिकाउंटिंग की अपील की थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ और कांग्रेस ने जीत हासिल की। खास बात यह है कि इस चुनाव को दोनों ही पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा था। लेकिन यहां जनता के बीच कांग्रेस का जादू कायम रहा और बीजेपी को शिकस्त मिली।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित