वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मस्थली धूणी मगरी धाम बांसिया में भरा बारह बीज का मेला
डूंगरपुर, 13 दिसम्बर (हि.स.)। जिले के बांसिया स्थित वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मस्थली धूणी मगरी धाम पर बारह बीज का बुधवार को मुख्य मेला भरा। इस दौरान सैकड़ों गुरुभक्तों ने पीले वस्त्र धारण करते हुए धूणी पर आयोजित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। इस दौरान धाम गुरु के जयकारों व भजनों से गूंज उठा।
डूंगरपुर जिले के बांसिया स्थित वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मस्थली धूणी मगरी धाम पर महाराज गिरवर गिरी, अजमल गिरी, नारायण गिरी व प्रेम गिरी के सान्निध्य में बारह बीज का मुख्य मेला आयोजित हुआ। इस दौरान धूणी पर सामूहिक हवन, महाआरती, भजन, पूजा व धर्म प्रवचन व परिक्रमा जुलूस का आयोजन किया गया। इस मौके पर महिलाओं, युवाओं व बुजुर्गों ने पीले वस्त्र धारण कर कतार में हाथों में भाला, त्रिशूल व नेजा लेकर ढोल-नगाड़ों के साथ भजन-कीर्तन कर परिक्रमा में भाग लिया। वहीं, इस मौके पर संतों ने अपने संदेश में नशा मुक्त समाज की नीव रखने एवं गोविंद गुरु के बताए मार्ग पर चलने, युवाओं को भक्ति मार्ग से जोड़ने का आव्हान किया। इस अवसर पर दिनभर वातावरण भक्तिमय बना रहा। परिक्रमा के समय ऐसा लगा कि धरती ने पीतांबरी ओढ़ रखी हो। मेले में मेवाड़, वागड़, मालवा, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत दूरदराज क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भक्तों ने मन्नत छोड़ने व मन्नत रखने की परंपरा का निर्वहन किया गया। वहीं, इंद्र धूणी में सामूहिक हवन कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई। धर्मसभा को कोचरी से शंभू महाराज, विश्राम बंजारा, करण बंजारा, हरिश कोटवाल, वासुदेव बरजोड़, भानुप्रताप पारगी, पंचायत समिति सदस्य विमल प्रकाश डोडियार एवं धाम के गिरवर गिरी महाराज, अजमल गिरी महाराज, प्रेमशंकर कटारा, गायिका सविता देवी डेंडोर ने संबोधित कर गोविंद गुरु के बताए मार्ग पर चलने, सत्य अहिंसा का मार्ग अपनाने, मांस-मदिरा से दूर रहने, बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने, नशा प्रवृत्ति से दूर रहने, बच्चों में संस्कार के बीज डालने का आह्वान किया।
इस दौरान भक्तों ने गोविंद गुरु की कर्मस्थली एवं जन्मस्थली पर सरकार की ओर से विकास कार्य नही कराए जाने पर नाराजगी भी जताई। बारह बीज मेले में विशेष कर महिलाओं में विशेष उत्साह नजर आया।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष व्यास/संदीप