धानका समाज ने बेटी को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी
अलवर, 06 मार्च(हि.स.)। धानका समाज में कुरीतियों और कुप्रथाओं पर अब समाज खुलकर सामने आने लगा है। अलवर के मालुताना गांव के बिरजू धानका ने अपनी बेटी तमन्ना के विवाह से पूर्व आयोजित बिंदोरी में बेटी को बेटे की तरह घोड़ी पर बैठाकर डीजे के साथ बिंदोरा निकाल कर समाज को एक नया संदेश दिया।
समाज के जागरूक युवा दानवीर धानका ने बताया कि पुराने जमाने में बेटी और बेटी में अंतर की खाई को पाटने का काम अब समाज द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समाज की बेटियों ने भी बेटों की तरह न केवल जमीन पर बल्कि आसमान में भी अपने मजबूत इरादों की बदौलत सफलता की नई कहानियां लिखी हैं। उन्होंने बताया कि न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण अंचल में भी अब बेटियों को बेटों की तरह तवज्जो दी जाने लगी है। उन्होंने कहा कि बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरा निकाल कर बेटा बेटी के भेदभाव को समाज से मिटाने का संदेश देते हुए बिरजू ने सर्व समाज के लोगों के लिए एक नजीर पेश की है। इस अवसर पर रोशन लाल धानका,शिंभू,सुगन, उमराव, मुकेश, सुरेश,पप्पू, अर्जुन, जय सिंह, भैरू, वेद प्रकाश, कृष्ण, मोहन, सुभाष, रवि, महेंद्र,टिंकू, इंद्राज, जगमाल, हजारी सहित समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ मनीष बावलिया /ईश्वर