विजयादशमी शनिवार को: शहर की सड़कों पर नजर आने लगे रावण व कुंभकरण के पुतले

 




जयपुर, 11 अक्टूबर (हि.स.)। बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाए जाने वाले पर्व विजयादशमी शनिवार को मनाया जाएगा। जिसके चलते शहर में उत्साह व उल्लास नजर आने लगा हैं। शहर में आदर्श नगर, शास्त्री नगर, मानसरोवर, प्रतापनगर, राजापार्क, सोडाला, श्याम नगर, चित्रकूट, अजमेर राेड, पुरानी चुंगी, गुर्जर की थडी सहित कई जगहों पर रावण व कुंभकरण के पुतले नजर आने लगे है। सड़क किनारे 2 से 110 फीट तक के रावण के रंग-बिरंगे पुतले दिखाई देने लगे हैं। रावण के साथ उसके हथियारों का जखीरा अलग से तैयार किए जा रहे हैं। रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार करने में करीब तीन सौ से ज्यादा परिवार जुटे हुए हैं।

मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास सड़क किनारे प्लास्टिक व बांस से बने घरों में रह रहे खानाबदोश लोग बेसब्री से विजयादशमी का इंतजार करते हैं। इनके मन में रावण जलाने का नहीं अपितु खूबसूरत और बेहतरीन रावण बनाने का रोमांच हिलोरें मारता है। ये खानाबदोश दशहरे पर लाखाें रुपये के रावण बेच देते हैं। रावण इनका अन्नदाता है, इसलिए वे सुबह उठते ही उसकी पूजा करते हैं। विजयादशमी में एक दिन शेष है। यहां लगने वाली रावण मंडी में करीब दौ सौ ज्यादा परिवार पिछले तीन माह से रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार करने में जुटे हुए हैं।

रावण मंडी के कारीगर बबलू ने बताया कि इस बार भी महंगाई के साथ मौसम की मार भी रावण पर पड़ी है। बारिश के कारण बांस, लकड़ी, रस्सी, सूत, रंग आदि महंगे हो गए हैं। इसके चलते इस बार रावण व कुंभकरण के पुतले पिछले सालों की मुकाबले आधे भी तैयार नहीं किए गए हैं। पिछले सालों में यहां 10 से 12 हजार रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार होते थे। वहीं इस साल इनकी संख्या घटकर आधी रही रह गई हैं। हालांकि रावण के दाम इस बार भी डेढ़ गुणा तक बढ़ गए हैं। इसके चलते इस बार रावण मंडी में ऑर्डर भी कम हो गए हैं।

रावण मंडी में इस बार रावण तीन सौ रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक बिक रहे रहे हैं। छोटे पुतले तीन सौ रुपए से लेकर बीस हजार तक बिक रहे हैं। कारीगर ऑर्डर से भी रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं।

जयपुर के अलावा मुंबई, गंगापुर, कोटा सहित अन्य शहरों में यहां से रावण बनाकर भेजे जा रहे हैं। 70 फीट से ऊंचे रावण के पुतले एक से 2 लाख रुपये तक में तैयार हो रहे हैं। वहीं रावण व कुंभकरण की तरफ लोगों को आकर्षित करने के लिए कई बदलाव भी किए जा रहे हैं। रावण बनाने के लिए मुल्तानी मिट्टी और केमिकल भी काम में लिया जा रहा है, जिससे रावण काफी देर तक जलेगा और पटाखों की धुंआ भी कम निकलेगी। इसके अलावा रावण के पुतले हाथ-पैर और गर्दन हिलाते हुए नजर आएंगे।

दशहरा पर्व पर बच्चों में भी अलग ही उत्साह नजर आता है। जहां पहले गिने-चुने स्थानों पर ही रावण दहन कार्यक्रम होता था, वहीं आज माेहल्ले और कॉलोनियाें में बनी विकास समितियां माेहल्ले के मैदानों में दशहरा दहन करने की तैयारियों में लगी हैं।

जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने नगर निगम, पुलिस और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को विजयदशमी पर आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए। मेला और रावण दहन के दौरान अग्नि दुर्घटना से बचने के लिए सभी आयोजन स्थल के पास एक फायर बिग्रेड की गाड़ी के साथ चौराहों पर भी फायर बिग्रेड एवं एंबुलेंस रखने निर्देश दिए हैं। जयपुर में आदर्श नगर दशहरा मैदान, पुलिस थाना शास्त्री नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, रामगंज, विद्याधर नगर, वैशाली नगर, मानसरोवर, चित्रकूट स्टेडियम, पुलिस कंट्रोल रूम यादगार पर फायर बिग्रेड की गाड़ी रहेगी और सभी थानों पर एक एक एंबुलेंस मय आवश्यक दवा एवं चिकित्सा उपकरण के तैयार रखी जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश