डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी-एडीएम स्वामी

 




भीलवाड़ा, 27 अगस्त (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले की पहली निजी डेयरी गोकुल डेयरी ने अपने चार साै पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये का ऋण प्रदान किया है। मंगलवार को भीलवाड़ा के टाउन हॉल में एक भव्य समारोह के दौरान यह ऋण वितरण किया गया। इस अवसर पर भीलवाड़ा के अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार स्वामी, एसडीएम आव्हाद निवृत्ति सोमनाथ, एसबीआई उदयपुर अंचल के उपमहाप्रबंधक शशिनाथ मिश्र, बैंक के रीजनल मैनेजर अविनाश पाटोदी, और भारतीय डेयरी परिसंघ राजस्थान के चेयरमेन डॉ. अरुण चंडालिया जैसे प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर कुल 4 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए, जिससे प्रत्येक किसान को 4 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर 1 लाख रुपये का पशु ऋण प्राप्त हुआ।

अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार स्वामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की योजनाओं के साथ-साथ इस प्रकार के ऋण प्रदान करके उन्हें प्रोत्साहित करने का यह एक महत्वपूर्ण मार्ग है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

एसडीएम आव्हाद निवृत्ति सोमनाथ ने कहा कि इस तरह के ऋण वितरण कार्यक्रम न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगे बल्कि विकसित भारत के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

एसबीआई उदयपुर अंचल के उपमहाप्रबंधक शशिनाथ मिश्र ने इस मौके पर कहा कि लंबे अनुभव के बाद, पहली बार बैंक ने गोकुल डेयरी से जुड़े 400 किसानों को इस पहल चरण में ऋण दिया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि दूसरे चरण में भी किसानों को इसी योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा, और गोकुल डेयरी के सभी 11 हजार किसानों को बैंकों से जोड़ा जाएगा।

रीजनल मैनेजर अविनाश पाटोदी ने कहा कि इस योजना को लागू करने से उन्हें संतोष प्राप्त हुआ है और आगे के चरणों में भी किसानों को उनके लेन-देन के आधार पर तीन लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है। उन्होंने सभी किसानों से बैंक से अपने लेन-देन को सही रखने और अन्य योजनाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

गोकुल डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक चोबे ने बताया कि यह पहल राजस्थान में किसी प्राइवेट डेयरी द्वारा पहली बार अपने किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए की गई है। इस योजना के कारण किसानों को अपने पशुधन की देखभाल और विकास के लिए आवश्यक संसाधन मिलेंगे। पशु पालन ऋण योजना किसानों को पशुधन की खरीद और उनकी देखभाल के लिए एक सुरक्षित और सुलभ वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद / संदीप