भाजपा नेताओं के बच्चे विदेश में पढ़ रहे, गरीबों के बच्चे हिंदी मीडियम में पढ़ेंगे- डोटसरा
जयपुर, 9 मई (हि.स.)। राज्य सरकार के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का रिव्यू करने के फैसले को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी सरकार इंग्लिश मीडियम स्कूल को बंद करने की तैयारी कर रही है। सरकार के फैसले को कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देगी।
डोटासरा ने कहा कि भाजपा के नेता अपने बच्चों को विदेश और अच्छे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने भेजना चाहते हैं। लेकिन जब गरीब का बच्चा सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ अपना भविष्य बनाना चाहता है, तो यह लोग उसको कागला, कमेड़ी और बांदरा पढ़ना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस उन्हें ऐसा कभी नहीं करने देगी।
डोटासरा ने कहा कि अगर सरकार प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार ही करना चाहती है। तो प्रदेशभर में जहां इंग्लिश मीडियम स्कूल की कमी है। उन्हें वहां नए स्कूल खोलने चाहिए। अगर किसी स्कूल में स्टाफ की कमी है। वहां पर नया स्टाफ लगाना चाहिए। शिक्षकों की नई भर्ती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों में तो पढ़ाने के लिए टीचर उपलब्ध है। न जाने क्यों भाजपा सरकार को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ने के लिए अब टीचर तक नहीं मिल रहे हैं।
डोटासरा ने कहा कि प्रदेशभर के इंग्लिश मीडियम स्कूलों में फिलहाल 6 लाख 50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स में पढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम में कन्वर्ट किया गया। क्या यह गरीब घर के बच्चे एक - एक लाख रुपये फीस देकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इसलिए सरकार को इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद करने की जगह नई स्कूल खोलने पर नए शिक्षकों की भर्ती पर फोकस करना चाहिए।
हालांकि अगर किसी जगह हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा हो। वहां पर सरकार नया हिंदी मीडियम स्कूल खोल सकती है। जिन स्कूलों में बच्चे पढ़ रहे हैं। उन्हें बंद करना और हिंदी मीडियम में कन्वर्ट करना सरकार का बेतुका फैसला है। इसका कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इंग्लिश मीडियम स्कूल को कन्वर्ट करने के फैसले का विरोध कर चुके हैं। गहलोत ने कहा- गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे। अगर इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती। लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को फिर से हिन्दी माध्यम करना बेतुका और गरीब और मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है।
वहीं इस पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पहले ही कह चुके हैं कि राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की जरूरत को लेकर सरकार के स्तर पर रिव्यू किया जा रहा है। इसके बाद ही स्कूल चलेंगे या बंद होंगे इसको लेकर कोई फैसला होगा। सरकारी स्तर पर रिव्यू करने के साथ ही हम यह भी देखेंगे कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है भी या नहीं है। इसी आधार पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप