विधान सभा में राज्य में पेयजल की स्थिति पर चर्चा: जनता को पानी के लिए परेशान नहीं होने दिया जाएगा

 


जयपुर, 2 अगस्त (हि.स.)। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने शुक्रवार को राज्य विधान सभा में कहा कि राज्य सरकार पेयजल से जुड़ी हर समस्या के समाधान के लिए तत्पर है। प्रदेश में जनता को पानी के लिए परेशान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे का सदुपयोग कर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री प्रदेश में पेयजल की स्थिति पर चर्चा के बाद सदन में अपना जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान में देश के क्षेत्रफल का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा है और देश की लगभग 5.50 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। परन्तु, देश के कुल जल का लगभग 1.30 प्रतिशत ही यहां उपलब्ध है।

चौधरी ने कहा कि जल जीवन मिशन से सर्वाधिक लाभान्वित होने वाला प्रदेश राजस्थान था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने बिना पानी की उपलब्धता के ही ट्यूबवेल व टंकियों का निर्माण करवा दिया, जिसके चलते उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत 93 हजार 426 करोड़ में से महज 19 हजार 336 करोड़ की राशि ही खर्च की गई। योजना को क्रियान्वित करने में राज्य देश में 33वें स्थान पर रहा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 45-45 प्रतिशत राशि राज्य व केन्द्र सरकार तथा 10 प्रतिशत की राशि जन सहभागिता द्वारा वहन करने का प्रावधान था। पूर्ववर्ती सरकार ने मार्च, 2023 में जन सहभागिता का 10 प्रतिशत मैचिंग शेयर माफ करने की घोषणा कर दी, लेकिन जो लोग राशि जमा करवा चुके थे उन्हें राशि वापस नहीं लौटाई गई।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को व्यवहार्य नहीं बनाया, जिसके चलते इसे क्रियान्वित करने में व्यवधान आए। केन्द्र सरकार ‘नदी जोड़ो’ परियोजना के तहत इसे शामिल कर 90 प्रतिशत हिस्सा राशि देने को तैयार थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार इस पर सहमत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार बनते ही त्रिपक्षीय एमओयू हुआ, जिसके तहत अब संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल (पीकेसी) लिंक परियोजना की डीपीआर तैयार हो रही है। इससे राज्य को 3400 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी मिलेगा। वर्तमान में परियोजना की अनुमानित लागत 48 हजार करोड़ रुपये है तथा इसमें वृद्धि होने की भी संभावना है। चौधरी ने कहा कि परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत पैसा केन्द्र सरकार देगी।

चौधरी ने कहा कि जयपुर को पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए ब्राह्मणी नदी लिंक परियोजना पर कार्य चल रहा है। उन्होने बताया कि यह लगभग 8300 करोड़ रुपये लागत की 148 किलाेमीटर की परियोजना है, जिसमें 16 किलाेमीटर की टनल बनेगी। योजना से 500 एमसीएम पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हिस्से का जो पानी मध्य प्रदेश ने उपयोग कर लिया, उसका भी आकलन करवाया जा रहा है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि इस बार गर्मी के सीजन में कंटीजेंसी प्लान के तहत 461 करोड़ रुपये व्यय कर टैंकर से पानी की उपलब्धता, हैण्ड पम्प मरम्मत, नये हैण्ड पम्प लगाने व नलकूप आदि के कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि पहली बार जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित कर पेयजल से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया गया। प्रदेश में 40 लाख अतिरिक्त पेयजल कनेक्शनों को जल उपलब्ध करवाया गया। चौधरी ने बताया कि जलदाय विभाग और पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत हैण्ड पम्प्स अब एक ही विभाग के अधीन होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग में 25 हजार पदों पर भर्ती का प्रस्ताव मांगा गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न तकनीकी पदों के साथ ही अभियंताओं के पदों पर भर्ती की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / संदीप / ईश्वर