आज राजस्थान के दोनों लाल बना रहे लोकतंत्र का तमाशा : डोटासरा

 


जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सांसदों के निलंबन से जुड़े मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ये दोनों लाल आज शर्मसार कर रहे हैं। जब लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति राजस्थान से बने थे तो हमें गर्व हुआ था। राजस्थान के लोगों को लगा था कि हमारे यहां के हैं। चाहे किसी दल के हों, हम सबने सहयोग दिया था। हमें लगा था कि वे संसद में देश के लोगों की आवाज उठाने वालों के लिए भूमिका निभाएंगे, लेकिन आज हमें बड़ी तकलीफ हो रही है। अब हमें दुख हो रहा है। शर्म से हमारा सिर झुक रहा है कि आज राजस्थान के वे दोनों लाल, जिनको हमने सर आंखों पर बिठाकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राजस्थान की विधानसभा में भी सम्मान दिया था। वे दोनों शर्मसार कर रहे हैं। पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है कि हिंदुस्तान में हो क्या रहा है? भारत का लोकतंत्र सबसे मजबूत माना जाता है। आज तमाशा बना कर रखा है।

डोटासरा सांसदों के निलंबन के खिलाफ जयपुर में शहीद स्मारक पर कांग्रेस के धरने में बोल रहे थे। डोटासरा ने देश में आगे चुनाव होने पर ही सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पता नहीं आगे चुनाव होंगे या नहीं। विपक्ष के 146 सांसदों को बाहर कर दिया। उसके बाद 18 कानून पारित कराए गए। किसी से चर्चा नहीं की। उसके बाद अनिश्चितकाल के लिए लोकसभा और राज्यसभा स्थगित कर दी गई। यह देश में क्या हो रहा है? यह तानाशाह सरकार नहीं तो और क्या है? यह अघोषित आपातकाल है। प्रतिपक्ष को दबाया जा रहा है, डराया जा रहा है। कुचलने की कोशिश की जा रही है। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। डोटासरा ने कहा कि आगे चुनाव होगा कि नहीं यह भी देखना पड़ेगा। जिस दिशा में ये (भाजपा) चल रहे हैं। जो उनके संकेत मिल रहे हैं। उससे लग रहा है कि परिसीमन और महिला आरक्षण सहित सब बातें हवा हवाई रह जाएगी। सब देश-प्रदेश के लोगों को यह सोचना पड़ेगा। ये आम जनता के हिसाब से फैसले नहीं कर रहे हैं।

प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में क्या हो रहा है? बारह दिन बाद सीएम-डिप्टी सीएम की शपथ हुई। अमावस्या के दिन मुख्यमंत्री का नाम घोषित हुआ, अब क्या मलमास में कैबिनेट होगा। होगा या नहीं होगा? कम से कम दो उप मुख्यमंत्रियों को तो विभाग दे दीजिए। इससे ये तो अपना काम करने लग जाएं। दोनों मुख्यमंत्री को छोड़ ही नहीं रहे हैं। जहां भी जाएंगे, साथ जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रेलवे स्टेशन, मंदिर जा रहे हैं। दिल्ली जा रहे हैं तो वहां भी दोनों डिप्टी सीएम साथ जा रहे हैं। जाएंगे क्यों नहीं, उनको विभाग ही नहीं दिया। दोनों को केवल नाम दे दिया उप मुख्यमंत्री, दिया कुछ नहीं। डोटासरा ने कहा कि जब राजस्थान की जनता ने आपको सिर आंखों पर बैठाकर पांच साल सरकार चलाने का समय दिया है। 20-25 दिन तो गुजर गए। अब तो धरातल के ऊपर काम करना चालू कीजिए। रोजाना सुन रहे हैं। 100 दिन की कार्य योजना बना रहे हैं। ये 100 दिन तो कार्य योजना बनाने में निकल जाएंगे। 365 दिन की कार्य योजना की बात करनी चाहिए। 100 दिन की कार्य योजना नहीं बना पाएंगे, मैं दावे से कह रहा हूं। मैंने पहले भी एक बात की घोषणा की थी। यह काम नहीं होगा, वह नहीं हुआ। मुख्यमंत्री से भी में आग्रह करना चाहता हूं कि आप पीएम मोदी के नक्शे कदम पर मत चलिए।

डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। इनके 10 हाईकमान हो रहे हैं। मुख्यमंत्री दिल्ली जाते हैं तो केंद्रीय मंत्रियों से लेकर कई जगह जा रहे हैं। कभी लोकसभा अध्यक्ष के जा रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष के स्टाफ तक के पास जा रहे हैं। राजस्थान की जनता ने मौका दिया तो उसके लिए काम कीजिए। इनको सद्बुद्धि आए, दिल्ली के चक्कर लगाने की बजाय राजस्थान की जनता के भले के लिए काम करें। मंत्रिमंडल का गठन करें, विभाग बांटें। अधिकारियों की अस्थायी पोस्टिंग पहली बार सुना, कम से कम इन्हें तो स्थायी लगा दीजिए। अस्थाई का मतलब है, वहां जाकर आना, काम कुछ नहीं करना है। जब तक आप उसे स्थाई पाॅवर नहीं दोगे। तब तक वह सही तरीके से काम नहीं करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर