विवादास्पद पत्र को लेकर सरकार से निर्णायक वार्ता करेगा धानका समाज: मुकेश बावलिया

 






खैरथल, 3 अक्टूबर (हि.स.)। आदिवासी धानका जन कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट मुकेश बावलिया ने कहा है कि पांच वर्ष पूर्व धानका जनजाति के संबंध में राजस्थान सरकार की ओर से जारी किये गये विवादास्पद पत्र को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से निर्णायक वार्ता की जाएगी।

धानका समाज के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश बावलिया यहां क्षेत्र की मुंडावर तहसील के ग्राम नंगली ओझा में आयोजित समाज के मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा की धानका जनजाति को लेकर 9 अगस्त 2019 को जारी विवादास्पद पत्र राज्य में हमारे समाज के अस्तित्व को चुनौती देने वाला एवं अपमानजनक है। सरकारी अधिकारियों ने करीब 50-60 साल तक संवैधानिक गजट में उल्लेखित शब्द धाणका के स्थान पर स्वयं ने जाति प्रमाण पत्र में धानका शब्द का प्रयोग किया है । यहाँ तक की सरकारी पत्र व्यवहार में मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारियों, पुलिस और न्यायालयों ने भी सरकारी दस्तावेजों में ज्यादातर धाणका जाति को धानका ही अंकित किया है । सरकारी अधिकारियों ने करीब 50-60 साल तक धानका जाति के नाम को लिखने में संवैधानिक और शासन की भाषा में अंतर रखा है। वर्ष 2019 में सरकार ने अपनी नींद खोल कर अचानक पत्र जारी करके केवल धाणका को ही सही वर्तनी मानने की घोषणा तो कर दी है लेकिन वह यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उसके प्रशासनिक अधिकारियों ने पिछले 50-60 साल में जो धानका लिख कर जनजाति के प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उनका क्या समाधान किया जाएगा।

एडवोकेट बावलिया ने कहा कि राज्य सरकार अपनी गलती को छिपाकर एक समाज के संवैधानिक अधिकारियों पर कुठाराघात नहीं कर सकती है। संविधान और शासन की भाषा के अंतर का खामियाजा प्रदेश का धानका जनजाति समाज नहीं भुगतेगा। उन्होंने कहा की धानका एवं धाणका दोनों एक ही जाति के लिए लिखे जाते हैं।दोनों की अंग्रेजी वर्तनी एक ही है। इसलिए राज्य सरकार को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ेगी। इस संबंध में जल्दी ही समाज के प्रतिनिधियों का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखेगा तथा इस संबंध में निर्णयात्मक वार्ता करेगा।

समरोह में समाज के मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। इससे पूर्व समारोह आयोजक खैरथल तिजारा धानका समाज के जिला अध्यक्ष वीर सिंह धानका एवं उनके सहयोगियों ने अतिथियों का माला साफा पहना कर स्वागत किया। समरोह में कलाकार पप्पी के नेतृत्व में मनोमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए। समरोह में हीरालाल, गोकुल ठेकेदार, रूप सिंह, संतलाल, कैलाशचंद, अशोक कुमार, सुनील, नरेश कुमार, हरचंद, सरजीत, सतपाल, दीपचंद, धर्मवीर, कुलदीप, रोहताश, मुनीराम, राजेंद्र सिंह, पप्पू राम, महेंद्र, राकेश, हवा सिंह, बाबूलाल, लिलू राम, मास्टर मामन, अमीलाल आदि का सराहनीय योगदान रहा।

जब तक समाज का अपमान, तब तक साफा माला का नहीं लेंगे सम्मान

धानका जनजाति समाज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट मुकेश बावलिया ने समारोह में समाज के लोगों के सामने संकल्प लेते हुए घोषणा की कि वे भविष्य में तब तक समाज के मंच पर साफा एवं माला का सम्मान स्वीकार नहीं करेंगे जब तक 9 अगस्त 2019 को राजस्थान सरकार की ओर से धानका समाज के बारे में जारी विवादास्पद एवं अपमानजनक गैर वाजिब पत्र प्रभावहीन घोषित नहीं कर दिया जाता है । प्रदेश अध्यक्ष बावलिया की इस घोषणा पर समारोह में उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट करते हुए नारे लगाकर कहा कि बावलिया तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मनीष कुमार