राम मंदिर की प्रतिकृति तैयार करके राम भक्ति भाव को किया प्रदर्शित
शाहपुरा, 20 जनवरी (हि.स.)। राम भक्ति में बना दी लकड़ी से मंदिर की प्रतिकृति। इसे बनाने वाले युवा सज्जन जांगिड़ भीलड़ी में कौशल तो था इंटिरियर आर्टिस्ट का पर भक्ति के कारण उसने यह सब कर दिया। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण शुरू हुआ तो राम भक्ति भाव में ललक जागी मंदिर की लकड़ी की प्रतिकृति बनाने की। कड़ी मेहनत के बाद राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया, लकड़ी की प्रतिकृति तैयार कर दी। इस युवा सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने आज शाहपुरा में लोगों की आस्था के केंद्र स्थान खानिया का बालाजी मन्दिर पहुंच कर वहां के महंत रामदासजी महाराज की मौजूदगी में मंदिर से जुड़े भक्तों को मन्दिर के लिए पहला मॉडल भेंट किया है। इस दौरान वहां राम नाम का जयघोष गुंजायमान हो उठा। इसी मन्दिर में विशाल स्तर पर प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को सांय 7 बजे सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी होने जा रहा है। सज्जन जांगिड़ पेशे से इंटीरियर डिज़ाइनर है।
बालाजी के अनन्य भक्त सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने ऐसे 9 मंदिर के मॉडल तैयार किये है। जिले के अलग-अलग मंदिरों में यह भेंट करेंगे। पहला मॉडल शाहपुरा में सार्वजनिक करके इसे मन्दिर में भेंट किया गया है। इस दौरान राम भक्त सज्जन जांगिड़ भीलड़ी और श्याम सुथार पालड़ी के अलावा शाहपुरा से निशांत सुथार, नारायण बोहरा, रवि शंकर उपाध्याय, रामस्वरूप टेंपन, अभिषेक पारीक, सुमित पारीक, अपर लोक अभियोजक अधिवक्ता हितेश शर्मा, तेजेंद्र सिंह नरूका और अन्य मौजूद रहे। सज्जन ने यह प्रतिकृति अपना गाँव, अपनी अयोध्या परियोजना के तहत तैयार की है।
अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। शाहपुरा में राम भक्तों को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का इंतजार है। शुभ मौके का साक्षी बनने के लिए लोगों का उत्साह चरम पर है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर मॉडल का जबरदस्त क्रेज है। शाहपुरा में आज लकड़ी को तराश कर राम मंदिर का मॉडल तैयार आस्था के केंद्र स्थान खानिया का बालाजी मन्दिर पहुंच कर वहां के महंत रामदासजी महाराज के यहां भेंट किया तो लोग अब उसी के दर्शन करने मन्दिर पहुंचने लगे है। आर्टिस्ट सज्जन जांगिड़ भीलड़ी द्वारा तैयार किये गये राम मन्दिर की प्रतिकृति की साइज दो फीट गुणा डेढ फीट है। इसकी ऊंचाई 21 इंच है। एक प्रतिकृति को तैयार करने में उसे पूरे तीन दिन का समय लगा है।
पूर्व में यह भी कर चुके है सज्जन
सज्जन ने पूर्व में भी श्री लक्ष्मीनाथ भगवान, बड़ा मंदिर पुर के लिये बेवाण तैयार किया, गढ़बोर चारभुजा मन्दिर में जी सोने की रेवाड़ी, चारभुजा बड़ा मंदिर भीलवाड़ा में चांदी का बेवाण, पंचमुखी बालाजी मन्दिर भीलवाड़ा में चांदी के दरवाजे, लक्ष्मीनारायण मंदिर में चांदी के दरवाजे बनाने का कार्य भी बखूबी किया है। प्रांरभ से ही मन्दिरों में आना जाना जारी रहने से धर्म के प्रति आस्था तो थी ही।
इन मन्दिरों में देंगे प्रतिकृति राम मन्दिर की
सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने राम मन्दिर के 9 मॉडल तैयार करके पुरे जिले में अलग अलग स्थानों पर भेंट करने का तय किया है। सबसे पहले खानिया का बालाजी मन्दिर शाहपुरा में समर्पित किया गया है। अब भीलवाड़ा मे बड़ा मंदिर, पंचमुखी दरबार, संकट मोचन बालाजी, कुमुद विहार, पुर मंदिर, बागोर, हमीरगढ़ मंदिरों में यह राम मन्दिर की प्रतिकृति देनी है।
पिता से ही मिली प्रेरणा, उनका ही अनुभव काम आया
सज्जन जांगिड़ भीलड़ी को राम मन्दिर की प्रतिकृति बनाने की प्रेरणा अपने ही पिता से मिली। पिता स्व. हरक लाल ने पूरे भारत वर्ष के कई मंदिरो में काम किया है। उन्हीं की प्रेरणा से आज भी पूरे भारत में उनको काम करने का अवसर मिल रहा है। मंदिरों में लकड़ी के दरवाजे, मेटल का वर्क, सोने चांदी के कार्य मिलते है। पूर्व में पिता के समय ये सभी कार्य हाथ से नक्काशी कर के किया जाता था। आज आधुनिक सीएनसी और लेज़र मशीन द्वारा बहुत फिनिशिंग और कम समय में इस प्रकार के कार्यों को वो पूरा करते है।
हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द/संदीप