क्षेत्रीय इतिहास, सभ्यता और संस्कृति को परिलक्षित करने वाले केंद्रों की स्थापना करें विश्वविद्यालय
जयपुर/बीकानेर, 7 जून (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने यहां क्षेत्रीय इतिहास, सभ्यता और संस्कृति को परिलक्षित करने वाले केंद्रों की स्थापना करें।
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के संत मीरा बाई सभागार में शुक्रवार को आयोजित आठवें दीक्षांत समारोह में मिश्र ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक शक्तियों को विकसित करने के साथ-साथ उसे कौशल विकास और जीवन निर्वाह योग्य बनाने में मदद करने वाली होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति के आलोक में हमें शिक्षा का ऐसा वातावरण विकसित करना होगा जिससे विद्यार्थी रोजगार देने वाले बनें। जीवन में सकारात्मकता आए, विद्यार्थी अपने जीवन में कौशल का विकास करें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में पहुंच, उपलब्धता , गुणवत्ता , सामर्थ्य और जवाहदेही से शिक्षा को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने आए विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत ज्ञान का एक पड़ाव मात्र है। आगे के जीवन में विद्यार्थी अपनी शिक्षा का उपयोग निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व कल्याण के लिए करते हुए राष्ट्र के विकास में योगदान दें।
दीक्षांत समारोह में 54 स्वर्ण पदक हासिल करने वाले विद्यार्थियों में 44 छात्राएं होने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन यह साबित करता है कि यदि अवसर मिले तो बालिकाएं जीवन में तेजी से उत्कर्ष राहों का वरण करती हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की मौखिक और प्रायोगिक परीक्षा के लिए विशेषज्ञ और शिक्षाविदों के व्याख्यान आयोजित करने की पहल को अनुकरणीय बताते हुए मिश्र ने कहा कि ज्ञान संवाद के इस नवाचार से विद्यार्थी निरन्तर लाभान्वित होंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में संविधान पार्क ,स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों के स्मारक बनने से युवाओं को प्रेरणा मिलने की बात कही।
मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय की विद्यार्थी निकिता लाम्बा द्वारा चीन में आयोजित विश्वविद्यालय खेलों में कांस्य पदक प्राप्त करना अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक है ,साथ ही यहां नये साइक्लिंग वैलोड्रम के निर्माण से खेल सुविधाओं के विस्तार का लाभ क्षेत्र के खिलाड़ियों को भी मिलेगा।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए प्रारंभ किए गए महाराजा गंगा सिंह अवॉर्ड और खेलकूद प्रतियोगिताओं में अव्वल प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को महाराज करणी सिंह अवॉर्ड देने की पहल की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि महाराजा गंगा सिंह जी ने युग प्रवर्तक के रूप में रेगिस्तान क्षेत्र में सिंचाई के लिए गंग नहर का निर्माण, रेलवे और बिजली नेटवर्क लाने का नवाचार किया ।उनके कार्य शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रेरणादायक है । गंगा सिंह जी की दूरदर्शी सोच से विद्यार्थी प्रेरणा लें तथा समाज व राष्ट्र का सही मायने में विकास करें।
एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को दी गईं उपाधियां
इससे पहले कुलपति प्रो मनोज दीक्षित द्वारा प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी गई। अष्टम दीक्षान्त समारोह में परीक्षा वर्ष 2021 में उत्तीर्ण हुए 1 लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। वहीं इसी वर्ष की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 54 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। कला संकाय की दिव्या हर्ष को कुलाधिपति पदक एवं शिक्षा संकाय की किरण शर्मा को कुलपति पदक प्रदान किया गया। दीक्षान्त समारोह में ही 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2021 तक के 39 विद्यार्थियों को विद्या-वाचस्पति की उपाधि भी प्रदान की गई।
शूटिंग रेंज का किया गया लोकार्पण
मिश्र ने विश्वविद्यालय के शिव काशी द्वार, बायोडाइवर्सिटी पार्क, लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह शूटिंग रेन्ज, महर्षि भारद्वाज भवन के विस्तार एवं संत मीरा बाई सभागार में महाराजा गंगा सिंह की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही 1 से 6 जून तक विश्वविद्यालय में आयोजित इन्डोर गेम, योगा, प्रश्नोत्तरी, रंगोली, गायन, नृत्य, भाषण एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
पहली बार दिया गया महाराजा गंगा सिंह और डॉ. करणी सिंह अवार्ड
दीक्षान्त समारोह में पहली बार सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी को महाराजा गंगा सिंह अवार्ड एवं खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को डॉ. करणी सिंह खेल अवार्ड प्रदान किया गया। सत्र 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय योगा विभाग की प्रियंका को महाराजा गंगा सिंह अवार्ड तथा चूरू बालिका महाविद्यालय की छात्रा निकिता लाम्बा को महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड प्रदान किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक प्राप्त करने वाली निकिता लाम्बा को 3 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। समारोह में विश्वविद्यालय के विभिन्न क्रियाकलापों को प्रदर्शित करने वाली दीक्षा स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप