संसद से सांसदों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस ने मनाया प्रजातंत्र बचाओ दिवस
जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। संसद में हुई सुरक्षा की चूक को लेकर विपक्षी सांसदों द्वारा केन्द्र सरकार व गृह मंत्री से संसद में वक्तव्य की मांग करने पर विपक्षी सांसदों के निलम्बन के विरोध में कांग्रेस पार्टी तथा इण्डिया गठबंधन के दलों द्वारा शुक्रवार को प्रजातंत्र बचाओ दिवस मनाते हुए देश भर में विरोध-प्रदर्शन किये गये। प्रदेश में जिला कांग्रेस कमेटियों द्वारा इण्डिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा जयपुर में शहीद स्मारक पर आयोजित धरने-प्रदर्शन में शामिल रहे।
इस अवसर पर डोटासरा ने कहा कि जनता ने चुनकर जिन लोगों को सत्ता सौंपी है उन लोगों ने संसद के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को केवल इसलिए संसद से निलम्बित कर दिया कि संसद की सुरक्षा पर पूछे गये प्रश्नों का उत्तर ना देना पड़े। विपक्ष के चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल संसद में हुई सुरक्षा की चूक की जानकारी प्राप्त करना चाहते थे तथा जानना चाहते थे कि आगे इस प्रकार की चूक नहीं हो उसके लिए सत्ताधारी भाजपा की केन्द्र सरकार क्या कदम उठा रही है। लम्बे समय से कहा जा रहा है कि देश में गुजरात मॉडल लागू होगा, किन्तु गुजरात मॉडल में दो चीजें प्रमुख है कि भाई को भाई से लड़ाओ, हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर वोट मांगकर देश पर राज करो तथा दूसरा यदि कोई असहमति दर्शाये, अपनी बात रखे तो उसे विधानसभा अथवा संसद से बाहर निकाल दो। उन्होंने कहा कि यदि कोई सडक़ पर आवाज उठाये तो उसके विरूद्ध संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग करते हुए कार्यवाही की जाती है। व्यापारी यदि अन्य दल को चंदा दे दे तो इनकम टैक्स और ईडी उस व्यापारी पर कार्यवाही करने के लिये भेज दी जाती है। इस गुजरात मॉडल ने देश को बर्बाद कर दिया तथा दिल्ली में एक तानाशाह सरकार काबिज हो गई है।
उन्होंने कहा कि इण्डिया गठबंधन के जनप्रतिनिधि सही बात सदन में रखते हैं तो उन्हें सैकण्डों में निलम्बित कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा एवं राज्यसभा के सभापति राजस्थान प्रदेश से बने तो सभी को गर्व की अनुभूति हुई थी। हमने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका स्वागत किया, किन्तु आज देश के लोगों की आवाज सदन में उठे, उनकी समस्याओं का समाधान हो, इस ओर कार्य करने की बजाए लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत कार्य करते हुये शर्मसार कर रहे हैं। आज पूरे विश्व में यह चर्चा हो रही है कि दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही है, सत्ताधारी दल सांसदों को निलम्बित कर विपक्ष से तथ्य साझा किये बगैर अनेक बिल पास कर रहा है। सत्ताधारी दल यह मुद्दा बना रहा है कि उनसे सवाल कैसे पूछ लिया तथा केन्द्र सरकार से सुरक्षा की मांग कैसे कर ली, केवल इसी छोटे-छोटे मुद्दों पर देश के 148 सांसदों को निलम्बित करने का अलोकतांत्रिक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि चुने हुये जनप्रतिनिधियों को लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर से बाहर निकालने से बड़ी शर्म की बात कोई नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि आज केन्द्र सरकार के रवैये से यह इंगित हो रहा है कि आने वाले समय में चुनाव भी नहीं होंगे तथा जनता का कोई प्रतिनिधि संसद अथवा विधानसभा में नहीं पहुंच सकेगा। आज हर कोई भयग्रस्त है, सत्ताधारी दल को सदन के बाहर धरना दे रहे सांसदों से भी परेशानी है जबकि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत् भाजपा की केन्द्र सरकार को विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बात करनी चाहिये थी व सर्वदलीय बैठक में चर्चा होनी चाहिये थी, उसी के पश्चात् जो नये बिल एवं कानून भाजपा सरकार ने विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित किये हैं उनकी सार्थकता एवं स्वीकार्यता जनता में होती। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिये दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सबको एकजुटता के साथ लोकतंत्र विरोधी शक्तियों से लड़ना होगा। जब जनप्रतिनिधियों को सुनवाई सदन में नहीं हो रही है तो अब वक्त है कि जनता के बीच जाकर केन्द्र की तानाशाही व अघोषित आपातकाल तथा सबके कुचलने का काम किया जा रहा है उसको उजागर करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत का नागरिक होने के नाते वे अपना कत्र्तव्य समझते हैं कि सभी लोगों को साथ लेकर केन्द्र सरकार के तानाशाही रवैये के विरूद्ध एक वृहद कार्य योजना बनाकर जनता के बीच जनता के समर्थन के लिए जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह यही मॉडल राजस्थान में भी लागू कर रहे हैं जिसकी शुरूआत हो चुकी है। सभी ने देखा है कि राजस्थान में भाजपा के विधायकों तक की सुनवाई नहीं हो रही है बल्कि केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा पर्ची भेजकर निर्णय सुनाये जा रहे हैं। अपने निजी स्वार्थों को छोड़कर सबको एकजुटता के साथ केन्द्र की तानाशाह सरकार के विरूद्ध लड़ाई लडऩी होगी तभी देश में लोकतंत्र की रक्षा होगी।
धरने को विधायक विद्याधर चौधरी, रफीक खान, प्रशांत सहदेव शर्मा, डॉ. शिखा मील बराला, पूर्व विधायक गंगा देवी वर्मा, नसीम अख्तर इंसाफ, सीपीआईएम के अमरा राम सहित कांग्रेस एवं इण्डिया गठबंधन के घटक दलों के अनेक नेताओं ने सम्बोधित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर